पटना। राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने नोटबंदी की घोषणा किए एक महीना पूरा होने के बाद कहा कि तीस दिन बीत जाने के बावजूद देश में स्थिति सामान्य नहीं हुई है। ऐसे में पचास दिन बीतने पर वायदे के अनुसार क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने पद से इस्तीफा देंगे?
विगत कुछ दिनों से बीमार चल रहे लालू यादव ने गुरुवार को नोटबंदी के एक महीने पूरे होने पर ट्वीट कर प्रधानमंत्री से पूछा कि अगर 50 दिन के बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हुई तो क्या मोदी जी इस्तीफा देंगे या मुंह छुपाते घूमेंगे?
उन्होंने लिखा है कि 50 दिन की मोहलत में 22 दिन बाकी हैं और अभी तक परिस्थितियां सामान्य नहीं हुई हैं। राजद प्रमुख ने सोशल मीडिया पर आगे लिखा कि नोटबन्दी में मिट्टी पलीत होती देख प्रधानमंत्री काला धन का आलाप त्याग, अब कैशलेस इकॉनोमी (बिना नकद की अर्थव्यवस्था) का राग आलाप रहे हैं और इसी के पल्लू में छुपने की कोशिश कर रहे हैं।
एक के बाद एक दो-तीन ट्वीट कर लालू यादव ने नोटबंदी पर जम कर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने पूछा कि 90 लोग जो प्रत्यक्ष रूप से नोटबन्दी की भेंट चढ़ गए वे क्या गैर मुल्क़ के थे? उन्होंने कहा कि ऐसे तो प्रधानमंत्री मन की बात करते हैं लेकिन ऐसे परिवारों के लिए मोदी ने संवेदना के लिए एक शब्द भी नहीं कहा।
प्रधानमंत्री के बिना नकद के चलने वाली अर्थव्यवस्था को थोपा हुआ घातक प्रयोग बताते हुए उन्होंने कहा कि देश महानगरों से ही नहीं बना है और यह घातक प्रयोग गाँवों में अन्न, जीवन, मृत्यु, भविष्य का प्रश्न बन गया है।
उन्होंने कहा कि ना तो प्रधानमंत्री, ना उनके मंत्री, ना ही आर्थिक सलाहकारों या नीति आयोग को गांवों की समझ है। ऐसे में ग्रामीणों की व्यथा को वे पूरी तरह समझ नहीं पायेंगे।
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