पटना। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बेनामी संपत्ति को लेकर लालू प्रसाद के परिवारों से पूछताछ के बाद अब आयकर विभाग ने राजद की ‘भाजपा भगाओ देश बचाओ’ रैली के खर्चे को लेकर हिसाब मांगा है।
इधर, राजद के नेता आयकर विभाग की इस कारवाई से नाराज हैं और तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। आयकर विभाग के अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि राजद को नोटिस भेजकर रैली के खर्च का हिसाब मांगा गया है। विभाग ने नोटिस जारी कर रैली पर आने वाले तमाम खर्च का ब्योरा मांगा है।
सूत्रों की मानें तो बाहर से आने वाले नेताओं के लिए पार्टी की तरफ से ठहरने, खाने की जो व्यवस्थाएं की गई थी उनका भी हिसाब मांगा गया है। इसके अलावा गांधी मैदान की बुकिंग तथा लोगों को दूसरे जिले से लाने और उनके मनोरंजन पर हुए खर्च का भी ब्योरा मांगा गया है।
आयकर विभाग के नोटिस के बाद राजद नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है। पूर्व वित्त मंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी ने कहा कि आयकर विभाग द्वारा जो भी प्रश्न पूछे गए हैं, उसका पार्टी जवाब देगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जितना परेशान किया जाएगा, उतना हम मजबूत होंगे।
राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने नोटिस जारी होने पर शुक्रवार को कहा कि पहले भी कई बार भाजपा और उसके सहयोगी दलों की रैलियां हो चुकी हैं, लेकिन कभी भी आयकर विभाग हरकत में नहीं आया। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री की कई जगहों पर रैलियां हुई हैं, लेकिन कभी भी आयकर विभाग ने उनको न तो नोटिस जारी किया और ना ही खर्च का हिसाब मांगा है।
उल्लेखनीय है कि पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 27 अगस्त को राजद द्वारा आयोजित रैली में विपक्ष के कई बड़े नेता शामिल हुए थे। इस रैली को विपक्षी एकता को मजबूत करने के तौर पर देखा जा रहा है।
इस रैली में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद, सी़ पी़ जोशी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जद (यू) के नेता शरद यादव, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और हेमंत सोरेन सहित कई विपक्षी नेताओं ने भाग लिया था।
गौरतलब है कि दो दिन पूर्व ही आयकर विभाग ने राजद नेता तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से भी बेनामी संपत्ति के मामले को लेकर कई घंटे पूछताछ की थी।