नई दिल्ली। भारतीय सेना के विशेष बल के कमांडो लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी ने वीरता और समर्पण का एक अनूठा इतिहास रचते हुए कश्मीर घाटी में शहीद होने से पहले 11 दिनों में 10 आतंकवादियों को मार गिराया।
लांस नायक गोस्वामी भारतीय सेना के संभ्रांत पैरा कमांडो संगठन में 2002 में शामिल हुए थे। उनकी इकाई द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ किए गए सभी अभियान का वह हिस्सा थे। पिछले 11 दिनों में कश्मीर घाटी में तीन आतंकवाद-विरोधी अभियान में उन्होंने 10 आतंकवादियों को मार गिराया व एक को जिंदा पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
पहला अभियान 23 अगस्त 2015 को हंदवाड़ा के खुरमुर में पाकिस्तान मूल के तीन कट्टर लश्कर आतंकवादियों को पकड़ने के लिए चलाया गया। कश्मीर के राफियाबाद में चलाये गये दूसरे अभियान में भी उन्होंने हिस्सा लिया, जो 26 व 27 अगस्त को चलाया गया। यहां एक भयंकर मुठभेड़ के दौरान लश्कर के तीन आतंकवादी मारे गये। इस अभियान का नेतृत्व मोहन ने किया।
इस अभियान में पाकिस्तान के मुज्जफरगढ़ का रहने वाला आतंकवादी सज्जाद अहमद उर्फ अबू उबेद उल्लाह जिंदा पकड़ा गया। इस आतंकवादी के पकड़े जाने से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ाने में पाकिस्तान की भूमिका को साबित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
बता दें कि शहीद जवान मोहन बिंदुखत्ता के इंद्रानगर के निवासी थे। बिंदुखत्ता इंद्रानगर प्रथम निवासी पूर्व सैनिक स्व. शंकर नाथ गोस्वामी के पुत्र मोहन नाथ गोस्वामी वर्तमान में जम्मू कश्मीर में तैनात थे। दस दिन पूर्व ही मोहन छुट्टी पूरी कर ड्यूटी में गए थे। फिलहाल घटना की सूचना रिश्तेदारों ने घर में नहीं दी है। शहीद मोहन की मां अस्वस्थ हैं।
मोहन के पिता भी पूर्व सैनिक थे, कुछ समय पहले सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। उनके बड़े भाई शंभूनाथ गोस्वामी पोल्ट्री फार्म का कार्य करते है। मोहन की एक चार वर्षीय बेटी भूमिका है।