नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में हुए आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान सरकार का झूठ सामने आ गया है। नवाज़ शरीफ सरकार यह झूठ तब सामने आया जब पाकिस्तान के गुंजरावाला शहर में आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा ने कई पोस्टर लगाए हैं जिसमें कहा गया है कि वह उन चार में से एक आतंकी का अंतिम संस्कार करेगा, जो भारतीय सेना की 12वीं ब्रिगेड पर हमले में शामिल था, जिसमें 20 जवान शहीद हुए थे।
ये पोस्टर भारत के उन आरोपों के पुख्ता सबूत हैं, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों ने इस हमले को अंजाम दिया है। हालांकि पाकिस्तान सरकार अब तक इससे इनकार करती रही है।
एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, उस पोस्टर में एक आतंकी का नाम मोहम्मद अनास बताया गया है, जो अबु सिरका के नाम से जाना जाता था। लश्कर ने अपने पोस्टर में स्थानीय लोगों से उसके लिए होने वाली आखिरी नमाज में शामिल होने की अपील की है।
इस पोस्टर में लश्कर सरगना हाफिज सईद की तस्वीर लगी है, जिसमें बताया गया है कि आखिरी नमाज पंजाब राज्य के गुंजरावाला में गिरजख के पास बड़ा नुल्हा में होगी।
भारत ने उरी हमले के लिए जैश ए मोहम्मद को दोषी बताया है। घटना वाली जगह से पाकिस्तान में बने पेनकिलर्स, सिरिंज, अन्य दवाएं और रेडी टू ईट खाद्य सामाग्रियों के पैकेट मिले थे।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, आतंकियों को घुसपैठ में मदद करने के आरोप में दो लोगों अहसान खुर्शीद और फैसल अवान को गिरफ्तार किया गया है। दोनों लगातार विरोधाभासी बयान दे रहे हैं। हालांकि ऐसा प्रतीत होता है कि उनको आतंकी हमले की जानकारी थी।
गौरतलब है कि 18 सितंबर को उरी में सैन्य शिविर पर हमले को अंजाम दिया गया था, जिसमें सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में चार आतंकी मारे गए थे। इसके बाद भारत ने आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की अपनी मुहिम तेज कर दी। वहीं, सेना ने पीओके में घुसकर आतंकी शिविरों पर हमला किया, जिसमें सात शिविर ध्वस्त हो गए और 50 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया।