नई दिल्ली। भारत सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा लश्कर-ए-तैयबा का पाकिस्तान आतंकी बहादुर अली का पकड़ा जाना इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान लगातार भारत में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने और घुसपैठ में शामिल है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कई बार आश्ववासन देने के बावजूद कि वह किसी भी देश के खिलाफ आतंकवाद के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा, पाकिस्तान लगातार आतंकियों को भारत भेज रहा है।
लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी बहादुर अली का पकड़ा जाना यह साबित करता है कि पाकिस्तान भारत में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने और घुसपैठ में शामिल है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को कश्मीर हिंसा में पाकिस्तान का हाथ होने का दावा किया था और कहा था कि आतंकियों के जरिए पाकिस्तान कश्मीर हिंसा को भड़काने का काम कर रहा है। इस संबंध में एनआईए ने लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान आतंकी बहादुर अली को पकड़ा था।
विकास स्वरूप ने कहा कि बहादुर अली द्वारा किए गए खुलासों से पता चलता है कि किस प्रकार पाकिस्तान में युवाओं को प्रशिक्षण और हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में घुसपैठ से पहले उन्हे जिस प्रकार की मनोस्थिति से गुजरना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर के हालातों पर कोई भी टिप्पणी करने या समस्या को संबोधित करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि यह भारत का आंतरिक मामला है। इसके बजाय पाक को सीमा पार आतंकवाद, घुसपैठ और भारत के खिलाफ हिंसा बंद कर देनी चाहिए।
वहीं पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने नियंत्रण रेखा के पार किसी भी तरह के आतंकी घुसपैठ के भारत सरकार के दावे को खारिज कर दिया है।
पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर कश्मीर पर जनमत संग्रह की मांग पर विकास स्वरूप ने कहा कि चाहे जितने भी पत्र लिखे जाएं यह फिर भी सीमा पार आतंकवाद को ढ़क नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि जहां तक वाघा बार्डर की सुरक्षा का सवाल है, उन्हें यकीन है कि देश की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और इस दिशा में कदम उठा रही हैं।