अयोध्या। बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य मुद्दई 96 वर्षीय मो. हाशिम अंसारी को हजरत शीश पैगम्बर कब्रिस्तान में बुधवार को सुपुर्दे खाक किया गया।
अंसारी का निधन उनके अयोध्या स्थित आवास पर सुबह 5.30 बजे हो गया था। निधन की खबर मिलते ही उनके आवास पर शोक व्यक्त करने वालों का तांता लग गया।
उनके पुत्र इकबाल अंसारी ने बताया कि हाशिम विगत 6 माह से हृदय व सांस की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। उनका इलाज लखनऊ के केजीएमयू से चल रहा था, वहीं पैर में चोट के चलते वह काफी दिनों से चलने-फिरने में भी असमर्थ थे।
बुधवार की सुबह पांच बजे मस्जिद की नमाज के साथ आंख खोलने वाले हाशिम अंसारी ने रोज की तरह सामान्य रूप से दिन की शुरूआत की घर वालों से बात की और पीने के लिए पानी व बिस्किट मांगा इसके बाद बिस्तर पर लेट गए, कुछ ही देर बाद उनका निधन हो गया।
हाशिम अपने पीछे बेटा, बहू, तीन पोती व एक पोता का भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं उनके निधन से परिवारीजन सदमें मे हैं। अब से तीन दिन बाद हाशिम अंसारी के भतीजे असलम अंसारी की बेटी तरन्नुम की शादी भी होने वाली थी लेकिन अचानक घटित हुई इस घटना ने शादी की खुशिंया छीन ली हैं तैयारियों पर विराम लगा दिया है।
बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाशिम अंसारी के निधन से शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन की खबर जिसने भी सुनी वह उनके आवास की ओर चल पड़ा। उन्हें श्रद्धांजलि देने कई राजनीतिक एवं प्रशासनिक हस्तियां भी पहुंची।
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान, केैबिनेट मंत्री अहमद हसन, वनराज्यमंत्री व नगर विधायक तेजनारायण पाण्डेय, बीकापुर विधायक आनदसेन यादव, पूर्व विधायक रूश्दी मियां, सपा जिलाध्यक्ष जयशंकर पाण्डेय, सपा नेता सूर्यकांत पाण्डेय, अयोध्या नरेश बिमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, कांग्रेस नेता गिरीशपति त्रिपाठी समेत बड़ी संख्या में हर वर्ग के लोगों ने पहुंचकर हाशिम के निधन पर शोक व्यक्त किया तथा अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
हाशिम अंसारी के निधन से ऐतिहासिक नुकसान : आजम खां
कैबिनेट मंत्री आजम खान ने कहा कि ऐसी शख्सियत बिरले ही होती है उन्होंने सदैव साम्प्रदायिक सदभाव की अलख जगाई उनके निधन से ऐतिहासिक नुकसान हुआ है। उन्होंने हमेशा यह संदेश दिया कि लड़ाने का काम बंद कर जोड़ने का काम किया जाए, क्योंकि लड़ाने वाले का भी नुकसान होता है। दंगाईयों की कोई जाति धर्म नहीं होती।
उनके निधन से हम सभी दुखी हैं। मंत्री अहमद हसन ने कहा कि हम सभी दुखी हैं पूरे देश में उनके निधन से शेाक है। वह जिस काम को करते थे पूरी तत्परता से करते थे, सदैव अमन चैन कायम रखने हेतु प्रयासरत रहे, खुदा से दुआ है कि उन्हें जन्नत नसीब हो।