जयपुर। केन्द्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल, मुद्र स्फिति और अन्य मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करने पहुंचे युवक कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर मंगलवार को पुलिस ने लाठियां बरसाई। इसमें कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, राष्ट्रीय युवक कांग्रेस के पदाधिकारी अमरेंद्रसिंह राजा, विधायक अशोक चांदना समेत यूथ कांग्रेस के कई कार्यकर्ता चोटिल हो गए।
युवक कांग्रेस के आहवान पर मंगलवार के उद्योग मैदान में यूथ कांग्रेस का प्रदर्शन था। कुछ देर बाद यह कार्यकर्ता पायलट व अन्य कांग्रेस नेताओं के नेतृत्व में विधानसभा के घेराव के लिए बढने लगे। इन लोगों ने इस मार्ग की बेरिकेडिंग के पार कर दिया इस पर पुलिस ने इन्हें रोकने के लिये लाठीचार्ज किया। इसमें पायलट, राजा, चांदणा समेत कई कांग्रेसी चोटिल हो गये। घटना के बाद पायलट धरने पर बैठ गए और दो पुलिस वालों को निलम्बित करने की मांग करने लगे।
कानून तोडने की इजाजत किसी को नहीं- गृह मंत्री
जयपुर। गृह मंत्री गुलाब कटारिया ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि कानून तोडने की इजाजत किसी को भी नहीं। यदि कोई कानून तोडने की कोशिश करेगा तो पुलिस दर्शक बनकर नहीं रह सकती। गृह मंत्री सदन में विधानसभा के बाहर एक विधायक के साथ पुलिस के कथित दुर्व्यवहार के प्रकरण पर पर अपना वक्तव्य दे रहे थे। कटारिया ने कहा कि उन्होंने स्वयं घटना से संबंधित पूरी फुटेज देखी है। पुलिस ने इस दौरान पूर्ण संयम का परिचय दिया। उन्होंने इस धैर्यपूर्ण व्यवहार के लिए पुलिस को धन्यवाद दिया। कटारिया ने कहा कि पूरी 30 मिनट (3.40 से 4.10 बजे ) की फुटेज में पुलिस की एक लाठी भी विधायक सहित किसी भी व्यक्ति को नहीं लगी। पूरे घटनाक्रम में पुलिस अपने आपको डिफेंड करती ही नजर आ रही है। न ही विधायक टारगेट पर हो, ऐसा कोई दृश्य है। गृहमंत्री ने कहा कि सौ से डेढ़ सौ लोग पुलिस से गुत्थम-गुत्थी करते रहे, पर पुलिस आधा घंटे तक केवल हाथों से ही उन्हें धकेलती रही। फुटेज में यह कहीं भी नहीं है कि पुलिस की लाठी किसी को भी लगी हो। गृह मंत्री ने इस घटना को एक सोचा-समझा षडयंत्र बताया, जो केवल हल्ला मचाने की दृष्टि से किया गया। उन्होंने अफसोस जताया और कहा कि राजनीति का स्तर इतना गिर जाएगा, तो लोगों की लोकतंत्र में आस्था कमजोर हो जाएगी।
भाजपा सरकार दमन पर उतरी-पायलट
जयपुर। धरने के दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने 100 वर्षों पुराने अंग्रेजों के जमाने के भूमि अधिग्रहण कानून को समाप्त करके किसानों के हित में नया भूमि अधिग्रहण कानून बनाया। भाजपा ने भी इसे बनाने मंे पूरी सहमति दी, लेकिन सत्ता में आते ही भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के पूर्व के प्रस्तावों में परिवर्तन करके इसे ऐसा बना दिया जिसके माध्यम से किसानों उपजाउ जमीन से बेदखल करना आसान होगा।
पायलट ने कहा कि कहा कि यूपीए के बनाए कानून में भूमि अधिग्रहण से पहले क्षेत्र का सामाजिक अंकेक्षण अनिवार्य किया गया था और तीन वर्षों तक यदि अधिग्रहित भूमि को जिस उद्देश्य से अधिग्रहित किया गया था वह पूरा नहीं होता है तो भूमि के मालिक को उसे वापस कर देने का भी प्रावधान था। उन्होंने कहा कि बहुउपज वाली भूमि को किसी भी सूरत में अधिग्रहित नहीं किये जाने को भी सुनिश्चित किया गया था। लेकिन, दुर्भाग्य पूर्ण है कि भाजपा ने इस कानून का अधिग्रहण करने वालों तथा अफसरों के पक्ष का बना दिया। पायलट ने प्रदेश की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 15 लाख रोजगार देने का वादा करने वाली भाजपा ने आज तक कोई नई नौकरी की घोषणा नहीं की बल्कि विगत् कांग्रेस सरकार द्वारा जारी नौकरियों पर भी अड़चने लगाकर युवाओं के साथ छलावा किया है। पायलट ने कहा कि युवा कांग्रेस द्वारा विधानसभा के घेराव के दौरान पुलिस द्वारा किया गया लाठीचार्ज यह सिद्ध करता है कि भाजपा सरकार दमनकारी नीति अपनाकर हर आंदोलन व जनता के मुद्दों को कुचलने की नीति अपना रही है।
गहलोत ने की निंदा
जयपुर। इधर, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के धरने के दौरान पुलिसकर्मियों के लाठीचार्ज की निंदा की है। गहलोत ने यहां बयान जारी कर कहा है कि युवा कांग्रेसी किसानों के हित में अपनी आवाज उठा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया है कि जब से ये सरकार आई है तब से युवाओं, बेरोजगारों, विद्यार्थी मित्रों, छात्राओं और किसानों पर उनकी विभिन्न मांगों को लेकर किये जा रहे प्रदर्शनों के दौरान लाठीचार्ज कर रही है। लोकतंत्र में ये रवैया ठीक नहीं है। गृहमंत्री से लाठीचार्ज की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की।
मोदी व जेटली का पुतला फूंका
जोधपुर। इधर, केन्द्र सरकार की ओर से प्रस्तुत बजट को जनविरोधी बताते हुए मार्कसवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मंगलवार को प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली का पुतला भी फूंका। इससे पूर्व कार्यकर्ता सोजती गेट के बाहर स्थित यूनियन मैदान पर एकत्रित हुए, जहां से पुतलों के साथपुरी तिराहा, नई सडक होते हुए फिर से यूनियन मैदान पहुंचे और यहां पर पुतला दहन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं को पार्टी के पदाधिकारियों सहित अनेक श्रमिक कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया।