वाशिंगटन। जाने-माने भारतीय-अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने कहा है कि सुरेशभाई पटेल पर हमले और इसमें उनके आंशिक रूप से विकलांग होने के मामले में अमेरिका के दो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दायर किया गया वाद कमजोर है और इससे हो सकता है कि पूर्ण न्याय नहीं मिल पाए।
बत्रा ने कल कहा कि सुरेशभाई की ओर से वर्तमान स्वरूप में दायर वाद से उन्हें न्याय और मुआवजा मिलने तथा दोषियों को न्याय के कठघरे में लाए जाने की उम्मीद नहीं है।
न्यूयॉर्क के शक्तिशाली पुलिस विभाग के खिलाफ सफलतापूर्वक कई मुकदमे लड़ चुके बत्रा ने कहा कि मैडिसन पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ दायर किए गए 11 पृष्ठ के वाद में कई खामियां हैं।
बत्रा ने कहा कि प्रशिक्षु कॉप, जॉन डोए पर केवल व्यक्तिगत रूप से अभियोग लगाया गया है। उसके पास नुकसान की भरपाई के लिए धन नहीं है। प्रशिक्षक कॉप जिम स्मिथ पर भी व्यक्तिगत हैसियत से अभियोग लगाया गया है। छह आरोपों में से किसी में भी मैडिसन शहर को बचाव पक्ष के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है। संघीय सिविल अधिकारों के उल्लंघन के लिए कोई स्वचालित रिसपोंडेन्ट सुपीरियर दायित्व नहीं है।
पटेल के वकील हैंक शेरोड ने मामले के गुण–दोष पर टिप्पणी करने से इनकार किया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वह जल्द ही संशोधित शिकायत दायर करेंगे और मामला सही दिशा में है। शेरोड ने तर्क दिया था कि पटेल पर पुलिस का हमला नस्ली हमला नहीं था। उन्होंने हाल में कहा था कि यह पुलिस द्वारा शक्ति और जवाबदेही के दुरूपयोग का मामला है।
गौरतलब है कि इस बीच भारतीय-अमेरिकियों ने पटेल के इलाज के लिए दो लाख डॉलर की राशि जुटाई है जो फिलहाल एक पुनर्वास केंद्र में हैं। संबंधित घटनाक्रम में पटेल की पत्नी अपने पति की देखभाल करने के लिए गुजरात से मैडिसन पहुंच गई हैं। मुम्बई स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने मानवीय आधार पर उन्हें तुरंत वीजा दे दिया था।