कानपुर। मकान खाली कराने के लिए चौकी इंचार्ज ने कोर्ट के आदेश के बावजूद पीड़ित से रकम ली लेकिन तय समय में काम न होने पर पीड़ित रकम वापस मांगने थाने पहुंच गया, जहां दरोगा की जेब से उसने जबरन नोट निकल लिए।
यह पूरा वाक्या थाने में तैनात सभी पुलिस कर्मियों व वहां आए फरियादियों ने देखा। मामले में एसओ ने जानकारी से इंकार किया है।
यह पूरा घटनाक्रम कानपुर के कल्याणपुर थाने में देखने को मिला। कल्याणपुर थाना के राजकीय उन्नयन बस्ती में रहने वाले कमल कुमार एडवोकेट है। इनका मकान को लेकर भाई से विवाद कोर्ट में चल रहा था। बीते दिनों कोर्ट ने मकान खाली करने के आदेश दिए।
कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए पीड़ित ने पुलिस की शरण ली। बकौल पीड़ित का कहना है कि उन्होंने दयानंद विहार चौकी इंचार्ज सूर्य प्रताप सिंह ने मकान खाली कराने के लिए सुविधा शुल्क के रूप में 40 हजार रूपए की डिमांड कर दी।
पीड़ित ने चौकी इंचार्ज द्वारा मांगी गई रकम दे दी। चौकी इंचार्ज ने बुधवार रात तक मकान खाली कराने का समय दिया था। काम न होने पर गुरूवार सुबह पीड़ित कल्याणपुर थाने पहुंच गया और चौकी इंचार्ज से दी गई रकम वापस मांगने लगा और उलझ गया।
रकम वापस न करने पर उसने चौकी इंचार्ज की जेब में हाथ डाल दिया। जेब से रकम निकालने के दौरान पांच-पांच सौ के नोटों की गड्डी निकलकर जमीन पर गिर पड़ी। जिसे पीड़ित ने उठाया और बाकी की रकम मांगने लगा।
हैरत की बात यह रही कि पूरा घटनाक्रम थाने में तैनात पुलिस कर्मी मूकदर्शक बने देखते रहे। पीड़ित के मुताबिक जो नोट चौकी इंचार्ज की जेब से निकले है, उनमें वहीं निशान लगे हैं जो रकम उसने उन्हें दी थी।
पीड़ित थाने में पुलिस वालों के सामने चौकी इंचार्ज की जेब से निकले 19,500 हजार रूपए के अलावा बाकी रकम लौटाए जाने की मांग करता रहा, लेकिन किसी ने भी उसकी ओर ध्यान नहीं दिया।
वहीं मामले में एसओ राजदेव प्रजापति ने जानकारी से इंकार दिया। जबकि पीड़ित का कहना है कि एसओ साहब को बाकी की रकम दिए जाने की बात चौकी इंचार्ज ने उससे कही है।
थाने में हुए प्रकरण को लेकर एसएसपी शलभ माथुर का कहना है कि मीडिया के जरिए जानकारी मिली है। प्रकरण की जांच कर चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।