नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में जनलोकपाल विधेयक को पेश करने से पहले सोमवार को मार्शलों ने नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता को उठा कर बाहर कर दिया।
दरअसल आम आदमी पार्टी विधायक अलका लांबा ने एक पोस्टर को लेकर सदन में विरोध किया। लांबा ने कहा कि यह पोस्टर ओपी शर्मा ने छपवाया है।
उन्होंने कहा कि पोस्टर पर लिखा है कि नकटी की नाक कट गई अब रावण की बारी है। उन्होंने नकटी शब्द को लेकर सदन में विरोध जताया। मामला बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने विजेंद्र गुप्ता को चार बजे तक के लिए निलंबित कर दिया।
लेकिन गुप्ता सदन के वेल में आकर बैठ गए। तभी विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शलों को आदेश दिया और उन्होंने गुप्ता को उठा कर बाहर कर दिया।
इस संबंध में नेता विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली जन लोकपाल विधेयक 2015 भारत के संविधान में निहित अनेक महत्वपूर्ण प्रावधानों का उल्लंघन करता है।
उन्होंने कहा कि जनलोकपाल विधेयक को प्रभावकारी शक्ति देनी चाहिए। इसमें कुछ संशोधन करने की जरूरत है। संशोधन ऐसे होने चाहिए जो दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की शक्तियों की मयार्दाओं का ध्यान रखे।
वहीं जनलोकपाल विधेयक पेश करने के दौरान स्वराज अभियान के तहत योगेंद्र यादव सहित अन्य नेताओं ने सोमवार को विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान विधेयक सरकार के हितों की रक्षा करता है। इसका आम जनता से कोई लेना देना नही है । 2011 वाला जनलोकपाल ज्यादा मजबूत था । विधानसभा में 2011 वाला जनलोकपाल विधेयक ही प्रस्तुत किया जाना चाहिए था।