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at least 35 killed as bus falls into roadside pond in Madhubani
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मधुबनी बस दुर्घटना में 35 यात्रियों की मौत

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मधुबनी बस दुर्घटना में 35 यात्रियों की मौत
at least 35 killed as bus falls into roadside pond in Madhubani
at least 35 killed as bus falls into roadside pond in Madhubani
at least 35 killed as bus falls into roadside pond in Madhubani

पटना/मधुबनी। बिहार के मधुबनी जिले में हुई बस दुर्घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है जबकि 10 घायलों को भी बहार निकला गया है। इस बीच राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए अनुग्रह अनुदान राशि देने की घोषणा की है।

बस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गहरा दुःख जताया है। इधर उग्र हुए ग्रामीणों ने प्रशासनिक देरी को लेकरं हंगामा किया जिसे शांत करने के लिए पुलिस को हवाई फायर भी करनी पड़ी। ओवरलोडिंग को हादसे का कारण बताया जा रहा है। मृतकों की संख्या 50 से अधिक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

मधुबनी के जिलाधिकारी ने बताया कि यात्रियों को लेकर मधुबनी से सीतामढ़ी जा रही सागर ट्रेवल्स की बस जिले के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र अंतर्गत बेनीपट्टी-पुपरी पथ पर बसैठ चौक के निकट सुंदरपुर टोला गांव में दिन के करीब 11 बजे अनियंत्रित होकर सड़क किनारे तालाब में लुढ़क गई। इस दुर्घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है।

जानकारी के मुताबिक सागर ट्रेवल्स की 32 शीटर बस रोज की तरह मधुबनी से निजी बस अड्डे से सुबह 9.45 बजे सीतामढ़ी के लिए खुली थी। जिलाधिकारी ने कहा कि मधुबनी में इसमें लगभग 20 यात्री सवार हुए थे। इसके बाद बस छोटी-बड़ी जगहों पर रुकती हुई, लगभग 11.05 बजे बेनीपट्टी पहुंची।

बसैठ बाजार से कुछ दूर पर ही सुदंरपुर गांव के पास एक साइकिल सवार आ रहा था। उसी के बचाने के चक्कर में बस चालक का नियंत्रण बिगड़ गया और पूरी बस सड़क से लगभग तीस फुट नीचे तालाब में जा गिरी।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बस के साथ साइकिल चालक भी तालाब में चला गया, लेकिन उसका क्या हुआ। इसके बारे में लोग नहीं बता पा रहे हैं। वहीं, बस के गेट पर सवार तीन-चार लोग किसी तरह से तैर पर बाहर निकल पाए। बाकी यात्री बस के अंदर ही रह गए और कुछ ही देर में सबकी मौत होने की बात कही जा रही है।

कितने यात्रियों की मौत हुई है। इसके बारे में कोई आकड़ा स्पष्ट नहीं हो पा रहा है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि लगभग तीन दर्जन यात्रियों की जान इस दर्दनाक हादसे में गई है।

घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गयी। बस में सवार यात्री तो चीख भी नहीं सके, क्योंकि पूरी बस पानी में डूब गई थी। स्थानीय लोगों ने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी, लेकिन लगभग एक घंटे के बाद बेनीपट्टी डीएसपी निर्मला कुमारी मौके पर पहुंची, तब तक लोगों का गुस्सा बढ़ चुका था।

लोगों ने डीएसपी को मौके से जाने को कह दिया। समाचार सम्प्रेषण तक हजारों की संख्या में लोग मौके पर जुट गये थे और स्थानीय लोग तालाब से बस निकालने का प्रयास कर रहे थे।
मौके पर पहुंची एंबुलेंस पर भी लोगों का गुस्सा उतरा और उसके शीशे तोड़ दिए गए।

इस बीच मौके पर मधुबनी व बेनीपट्टी के आसपास के थानों की पुलिस पहुंच गई थी। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस की ओर से दो राउंड हवाई फायरिंग की गई, लेकिन लोग शांत नहीं हुए। इसके बाद स्थानीय लोगों ने क्रेन को मौके पर आने दिया।

इसके बाद बस को तालाब से बाहर निकालने का काम शुरू हुआ। लगभग पांच बजे के आसपास स्थानीय लोगों की मदद से बस को तालाब से बाहर निकाला गया, लेकिन पूरी बस बाहर नहीं निकल पाई थी। बस में यात्रियों के शव भरे थे।

शाम लगभग 6 बजे तक केवल तीन शवों की शिनाख्त हो सकी थी। इनमें मुन्नी खातून (30) व उसके दो बच्चे गुलजार (08) व आशिया (02) शामिल थे। मुन्नी अपने घर बासोपट्टी से सीतामढ़ी स्थित अपने ससुराल जा रही थी, लेकिन हादसे का शिकार हो गई।

घटना के बाद अभी तक दस शवों के बाहर निकालने की बात कही जा रही है। हालांकि स्थानीय लोगों के मुताबिक अभी तक 35 शव निकाले जा चुके हैं।

इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया है और मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुर्घटना के मृतक यात्रियों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और उनके परिजनों को चार-चार लाख रुपए की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है।

राजद अध्यक्ष लालू यादव ने कहा कि दुर्घटना की वजह की जांच की जाएगी अगर ड्राइवर दोषी पाया गया तो उसे ड्राइव करने की इजाजत किसने दी इसकी भी जांच की जाएगी। दुर्घटना दुखद है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बस दुर्घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि यह कैसे हुआ इसकी पड़ताल होनी चाहिए। सरकार ने मृतकों की सहायता के लिए राशि की घोषणा कर दी है, सड़क सुरक्षा के मानको का कड़ाई से पालन होगा।