मेरठ। मेरठ के सैन्य अस्पताल स्थित आशा स्कूल में मंगलवार की सुबह एक कर्मचारी ने बंद कमरे में तेंदुए को देखा तो उसके होश फाख्ता हो गए। कर्मचारी के शोर मचाने पर तेंदुआ हॉस्पिटल की दीवार कूदकर रेसकोर्स की ओर भाग निकला।
बाद में स्कूल आए बच्चों को वापस भेजते हुए सैन्य अधिकारियों और वन विभाग की टीम ने तेंदुए की तलाश में संयुक्त रूप से सर्च अभियान चलाया। देर शाम तक तेन्दुआ कहीं दिखाई नहीं दिया। वहीं कैंट एरिया में पहले भी तेन्दुए ने आतंक मचाया था।
छावनी स्थित सैनिक अस्पताल के आशा स्कूल में मंगलवार सुबह लगभग साढे आठ बजे अनिल नाम का कर्मचारी एक बंद कमरे में कुछ सामान रखने गया था। अनिल के अनुसार जैसे ही उसने कमरा खोला तो भीतर कमरे में तेंदुआ बैठा देख उसके होश उड़ गए। तेंदुए को देख दहशत में आए अनिल ने शोर मचा दिया, जिससे घबराकर तेंदुआ कमरे से बाहर की ओर भाग लिया।
उधर, तेंदुए को कमरे से बाहर आता देख अनिल भी गिरता-पड़ता बाहर को भागा, जिससे गिरने के कारण वह चोटिल भी हो गया। अनिल के शोर मचाने पर स्कूल का अन्य स्टॉफ एकत्र हो गया, बदहवास अनिल ने उन्हें कमरे के भीतर तेंदुआ होने की जानकारी दी तो स्कूल में हड़कंप मच गया।
आनन-फानन में स्कूल के स्टॉफ ने स्कूल आ रहे छात्रों को बाहर से वापिस भेजते हुए मामले की जानकारी सैन्य अधिकारियों को दी। जिसके बाद अधिकारियों में हडकंप मच गया। सैन्य अधिकारियों के साथ वन विभाग के एसडीओ संजीव कुमार भी मौके पर पहुंचे।
सैन्य अधिकारियों और वन विभाग की टीम ने स्कूल और हॉस्पिटल के सभी रास्तों को सील करते हुए सभी कमरों में तेंदुए की तलाश की, लेकिन तेंदुआ कहीं दिखाई नहीं दिया। वहीं केंट क्षेत्र में तेन्दुआ होने की जानकारी मिलने के बाद से क्षेत्रीय लोगों में दहशत व्याप्त है।
पहले भी अस्पताल में घुस गया था तेन्दुआ
बतादें कि पहले भी एक लकड़ी की टाल में केंट क्षेत्र में तेन्दुआ मिला था, जो भागकर सैनिक अस्पताल में घुस गया था। दोपहर से रात तक वह अस्पताल के एक कमरे में ही रहा था। रात के समय में वह दीवार तोड़कर भाग गया था। इस दौरान सदर इंस्पेक्टर सहित आधा दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गए थे। उसके बाद तेन्दुआ का कहीं कुछ पता नहीं लग सका।
अधिकारियों का दावा, घायल है तेन्दुआ
केंट अस्पताल में तेन्दुए होने की जानकारी मिलने के बाद जांच-पड़ताल के लिए पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि तेन्दुआ घायल है और कम उम्र का है। प्रत्यक्षदर्शियों का भी कहना है कि तेन्दुआ अधिक बड़ा नहीं था।