नयी दिल्ली। फरवरी से निलंबित चल रही दिल्ली विधानसभा को भंग करने की स्थिति बन चुकी है। शाम 6 बजे उपराज्यपाल नजीब जंग से आम अआदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल की मुलाकात के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनकी पार्टी ने एल जी को चुनाव करवाने की सिफारिश की है…
उन्होंने मीडिया को बाताया कि मुलाकात के दोरान आम आदमी पार्टी ने जब दूसरी पार्टियों के रुख के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सभी पार्टियाँ चुनाव चाहती हैं। एल जी ने सोमवार सुबह से ही इस सम्बन्ध में राय बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों से मुलाकात शुरू कर दी थी सवेरे सबसे पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर ने बीजेपी नेता सतीश उपाध्याय से इस सम्बन्ध में बात की और शाम को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को चर्चा के लिए बुलाया। वैसे एलजी की और से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन तीनों पार्टियों से हुई चर्चा के बाद ये रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जायेगी।…
जानकारी के अनुसार रविवार शाम को बीजेपी के संसदीय बोर्ड की दिल्ली में बैठक के दोरान बीजेपी के अधिकांश बड़े नेता दिल्ली में जोड़तोड़ कर सरकार बनाने के पक्ष में नहीं नजर आये। सूत्रों की माने तो बीजेपी उपचुनाव में जाने के बाद वो चुनाव लड़ने के पक्ष में नजर आ रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के आधिकारिक बयान के बाद एल जी से मिलकर अपना पक्ष रखने का विचार कर रही है। यदि आज ही इस बात का निर्णय हो जाता है तो दिल्ली में तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव भी निरस्त किये जा सकते हैं।
कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा को तुरंत भंग कर चुनाव कराए जाने की मांग की है। विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता हारू न यूसुफ उपराज्यपाल नजीब जंग के दिल्ली में सरकार की संभावनाएं टटोलने के लिए सभी राजनीतिक दलों से विचार विमर्श के लिए बुलाने पर सोमवार को उनसे मिले।
उन्होंने अपना रूख स्पष्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस दिल्ली में फिर से चुनाव चाहती है और उपराज्यपाल को विधानसभा तुंरत भंग कर चुनाव क राने चाहिए। जंग से मुलाकात के बाद यूसुफ ने कहा कि हमनें उपराज्यपाल को स्पष्ट बता दिया है कि दिल्ली विधानसभा को तुरंत भंग कर चुनाव कराये जाने चाहिए।
यूसुफ ने कहा कि कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ दिल्ली में विधानसभा का चुनाव लडेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में विकास कार्य बिल्कुल ठप पड़े हुए हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी पर पिछले दरवाजे से सत्ता हथियाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के 15 वर्ष के शासनकाल में दिल्ली में चौतरफा विकास हुआ था और अब यह बिल्कुल ठप पड़ा हुआ है। भाजपा दोमुंही बातें कर रही है। कांग्रेस के 15 वर्ष के शासनकाल में दिल्ली का जो विकास हुआ था उसके बूते पार्टी चुनाव मैदान में पूरी मजबूती से उतरेगी।
गौरतलब है कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस केवल कांग्रेस केवल आठ सीटों पर सिमट गई थी। उसने सरकार बनाने के लिए आप को समर्थन दिया था। अरविंद केजरीवाल की अगुआई में बनी आप की सरकार ने 49 दिन बाद 14 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। दिल्ली विधानसभा 17 फरवरी से निलंबित है और राष्ट्रपति शासन लागू है।
फरवरी से निलंबित है दिल्ली विधानसभा
दिल्ली विधानसभा दिसंबर में मुख्य चुनाव के बाद अरविन्द केजरीवाल मुख्यमंत्री बने। 49 दिन बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद फरवरी से दिल्ली विधानसभा निलंबित ही चल रही है।
आप ने दायर की थी रिट
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने फरवरी में अपने इस्तीफे के बाद ही एल जी से विधानसभा भंग करके चुनाव करवाने की घोषणा कर दी थी। ऐसा करने की बजाय वहां पर राष्ट्रपति शासन लगा दिया इस पर आम आदमी पार्टी ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल कर दी। इस पर कोर्ट ने सरकार को आड़े हाथों लिया। इस मामले में जब एल जी ने जब अपने प्रयासों को कोर्ट के समक्ष रखा तो कोर्ट ने भी इसे सराहा।
एल जी ने राष्ट्रपति को सबसे बड़े दल को सरकार बानाने के लिए आमंत्रित करने का विचार भेजा, जिसे मंजूरी मिलने के बाद एलजी नजीब जंग ने सोमवार को इस कवायद पर चर्चा करने के लिए बीजेपी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को इस सम्बन्ध में चर्चा के लिए बुलाया है।
जानकारी के अनुसार खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के रअष्ट्रीय अध्यक्ष भी जोड़ तोड़ कर दिल्ली में सरकार बनाने के पक्ष में नहीं हैं। 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में बीजेपी को 29, आप के पास 27, कांग्रेस के पास 8 तथा तीन सीटें थी। बहुमत के लिए फिलहाल यहाँ 34 विधायकों की जरुरत है।