नई दिल्ली। 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध और बांग्लादेश की आजादी के नायक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जेएफआर जैकब का बुधवार को दिल्ली स्थित सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में निधन हो गया।
जनरल जैकब के निधन के साथ ही द्वितीय विश्व युद्ध में लड़े सेना के दिग्गजों के एक युग का अंत हो गया है। 92 वर्षीय जनरल जैकब को लंबी बीमारी के चलते गत 1 जनवरी को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जानकारी के अनुसार सन् 1923 में पैदा हुए जनरल जैकब को 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की जीत और बांग्लादेश की आजांदी में उनकी शानदार भूमिका के लिए याद किया जाता है। वह उस दौरान मेजर जनरल थे और सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख थे।
जनरल जैकब एक यहूदी व्यापारिक परिवार से संबंध रखते थे। द्वितीय विश्व युद्ध के शुरू होते ही वह अपने परिवार को बिना बताए 1941 में ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल हो गए थे। आजादी के बाद वह कुछ समय के लिए तोपखाना प्रशिक्षक भी रहे।
जनरल जैकब ने 1971 के युद्ध में अपने अनुभवों पर ‘सरेंडर एट ढाका: बर्थ ऑफ ए नेशन’ नामक एक पुस्तक भी लिखी थी। सेवानिवृत्ति के बाद लेफ्टिनेंट जनरल जैकब गोवा और पंजाब के राज्यपाल रहे।
बंगाल प्रेसीडेंसी में जन्मे जैकब 19 वर्ष की उम्र में ही सेना में शामिल हो गए थे और 1978 में सेवानिवृत्त होने से पहले उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपनी वीरता का प्रदर्शन किया और देश का नाम रोशन किया।
जनरल जैकब के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शोक व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीटर पर अपने शोक संदेश में कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल जैकब और मैं कई बार मिले हैं। वह एक यादगार मुलाकात थी जब उन्होंने मुझे अपनी आत्मकथा भेंट की थी। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओ की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सभी महत्वपूर्ण क्षणों में राष्ट्र के लिए की गई उनकी सेवा के लिए भारत हमेशा उनका आभारी रहेगा।
सोनिया गांधी ने लेफ्टिनेंट जनरल जैकब को देश का वीर सपुत बताते हुए कहा कि भारत के युद्ध के इतिहास में उन्होंने एक खास जगह बनाई है। देश को उनके जीवन और राष्ट्र के लिए किए गए कार्यों पर गर्व है।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने देश के प्रति लेफ्टिनेंट जनरल जैकब की सेवाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल जैकब के निधन की खबर सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। गोवा के गवर्नर के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला, जो कि मेरे लिए बहुत यादगार पल थे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।