मुंबई। सेंसर बोर्ड में अटकी प्रकाश झा की फिल्म लिपिस्टिक अंडर माई बुरका का विवाद और ज्यादा बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं।
भोपाल से खबर आई है कि वहां के मुस्लिम संगठनों ने इस फिल्म का बायकॉट करने की घोषणा करने के साथ साथ धमकी दी है कि अगर फिल्म की टीम वहां आती है, तो उनका विरोध किया जाएगा। साथ ही फिल्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी भी दी गई है।
द आल इंडिया मुस्लिम तेहवर कमेटी की ओर से जारी एक बयान में इस फिल्म को मुस्लिम विरोधी बताते हुए इसे बैन करने के लिए सेंसर बोर्ड की तारीफ की गई है और केंद्र सरकार से भी उम्मीद की गई है कि इस फिल्म को रिलीज न होने दिया जाए।
इस संगठन की नजर में ये फिल्म मुस्लिमों की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है। कमेटी के प्रमुख औसफ सुहीफी खुर्रम की अगुवाई में एक मीटिंग के बाद इस फिल्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के विकल्प पर भी विचार हुआ।
खुर्रम का कहना है कि अगर किसी भी स्तर पर इस फिल्म को रिलीज करने की इजाजत दी जाती है, तो हम इस मसले को कोर्ट में ले जाएंगे और मांग करेंगे कि इसे रिलीज न होने दिया जाए। संगठन की ओर से इस फिल्म के कलाकारों और टीम को भी धमकी दी गई है कि वे भोपाल आए, तो उनका विरोध किया जाएगा।
खुर्रम का कहना है कि बुर्का हमारे मजहब में बहुत अहम है और इसे लेकर हमारे मजहब की महिलाओं के साथ कोई खिलवाड़ किया गया, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका कहना था कि मुंबई में भी हमारा संगठन इस फिल्म का विरोध करेगा और जरुरत हुई, तो वहां भी इसके खिलाफ अदालत में मामला दर्ज होगा।
दूसरी ओर, वहां के एक और मुस्लिम संगठन का कहना है कि बिना फिल्म देखे बायकॉट की धमकी देना ठीक बात नहीं है। इस संगठन के मुताबिक, हम पहले फिल्म देखना चाहेंगे और अगर हमें फिल्म में कोई बुरी बात लगी, तो हम बायकॉट की अपील का समर्थन करेंगे।
प्रकाश झा की इस फिल्म का निर्देशन अंलकृिता श्रीवास्तव ने किया है और ये फिल्म चार अलग अलग महिलाओं की कहानी है, जो अपनी हसरतों को लेकर द्वंद में फंसी हैं। इन महिलाओं में से दो मुस्लिम और दो हिंदू बताई जा रही हैं। कुछ लोगों ने इसके टाइटल में बुरका जोड़े जाने को भी लेकर भी एतराज किया है।
पिछले तीन साल में मुंबई फिल्म फेस्टिवल और गोवा के अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोस्तव में दिखाई जा चुकी इस फिल्म को कई फेस्टिवल में पुरस्कार मिले हैं। सेंसर बोर्ड ने इसके सेक्सुअल कटेंट को लेकर इसे पास करने से मना कर दिया है।
रिवाइजिंग कमेटी से भी फिल्म खारिज हो चुकी है और अब एपीलेट ट्रिब्यूनल में है। वहां भी अगर फिल्म को पास नहीं किया जाता, तो प्रकाश झा अदालत का रुख करेंगे।