मुंबई। देश के कई बैंकों से नौ हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज लेकर रफुचक्कर हो जाने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या को स्पेशल पीएमएलए कोर्ट मुंबई ने आखिरकार कानूनन भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया है।
इससे पहले माल्या को विलफुल डिफॉल्टर यानी जानबूझकर कर्ज न लौटाने वाला करार दिया था गया था। माल्या का पासपोर्ट भी जब्त करने का आदेश न्यायालय द्वारा दिया जा चुका है।
गौरतलब है कि शराब कारोबारी विजय माल्या देश छोडकर विदेश में बस चुके हैं। इसलिए उनके खिलाफ बैंकों ने एक याचिका न्यायालय में दायर की थी।
ईडी विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए प्रयासरत है पर इंटरपोल की मदद नहीं मिल पा रही है। अंततोगत्वा विजय माल्या के मामले में मंगलवार 14 जून को सुनवाई हुई और स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने विजय माल्या को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया है।
किंगफिशर के एक पूर्व कर्मचारी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और कोर्ट के लिए उनके मन में इज्जत बढ़ गई है। इन महत्वपूर्ण संस्थाओं ने दिखा दिया है कि कानून की नजर में सब बराबर होते हैं। माल्या के प्रत्यर्पण करवाने में मंगलवार को आए इस फैसले से मदद मिलेगी।
बलाल ने कहा कि इस फैसले से साफ हो गया है कि सरकार विजय माल्या जैसे अपराधियों के लिए कितनी गंभीर है। अब उनके साथ अदालत इंसाफ करेगा। सरकार कोशिश कर रही है कि माल्या की संपत्ति को बेचकर उससे कर्ज की रकम वसूली जा सके। अगर सरकार इस पर गंभीरता से सोच रही है तो कुछ भी मुश्किल नहीं होगा।
इससे पहले माल्या ने ईडी को एक बड़ा झटका दे दिया है। माल्या ने ईडी की ओर से संपत्ति कुर्क किए जाने के पहले ही एक को बेच दिया। इस बात की पुष्टि ईडी के अधिकारियों ने भी की है।
ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, 1411 करोड़ की जिन दो संपत्तियों को कुर्क किया जाना था, उनमें से एक को माल्या ने बेच दिया है। माल्या ने जिस संपत्ति को बेचा है वह कर्नाटक के कूर्ग स्थित कॉफी प्लांट का हिस्सा है।