नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को 1947 में विभाजन से पूर्व देश का हिस्सा रहे कराची और सिंध प्रांत के बिना भारत अधूरा लगता है।
लालकृष्ण आडवाणी ने रविवार को प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक लेखराज कृपलानी (1876–1969) जो शिष्यों में ब्रह्मा बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनकी 48वीं पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही।
आडवाणी का जन्म वर्तमान पाकिस्तान के कराची में 1927 में एक सिंधी परिवार में हुआ था। उन्होंने बताया कि वह बाल्यकाल में सिंध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आये थे और वहीं से उन्होंने शाखा में जाना शुरू किया था।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संगठन में बड़ी संख्या में महिलाओं की संख्या को देखकर अभिभूत आडवाणी ने कहा कि संघ को भी महिलाओं को जोड़ने के लिए ब्रह्माकुमारी से प्रेरणा लेने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि मैंने इससे पहले ऐसा कोई संगठन नहीं देखा था जिसका नेतृत्व मुख्य रूप से महिलाएं करती हों।