सबगुरु न्यूज-माउण्ट आबू। सेंचुरी क्षेत्र में पडने वाले सनसेट प्वाइंट में प्रवेश के लिए फिलहाल स्थानीय लोगों को शुल्क से बाहर रखा गया है। जल्द ही वन क्षेत्र में रहने वाली फलियों व गांवों के लोगों को ग्रीन मुनिया पास दिए जाएंगे, जिससे वे कामकाज से लौटते हुए रात्रि में भी यहां आवाजाही कर सकेंगे।
-सिर्फ यात्री प्रवेश शुल्क वाहन नहीं
सनसेट प्वाइंट में प्रवेश के लिए माउण्ट आबू में वन विभाग की ओर से सिर्फ पर्यटकों से यात्री प्रवेश शुल्क लिया जा रहा है। वाहनों से शुल्क नही लिया जा रहा है। स्थानीय लोगों व पर्यटकों के स्टील फोटोग्राफी कैमरे, बाबा गाडी आदि को भी शुल्क मुक्त रखा गया है। वीडियो कैमरों का जरूर शुल्क लिया जा रहा है।
-सिर्फ एक बार शुल्क
माउण्ट आबू सेंचुरी क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों से सिर्फ एक बार ही प्रवेश शुल्क लिया जाएगा। इस प्रवेश शुल्क को देकर मिलने वाले टिकिट से दिखाकर वे गुरु शिखर की ओर भी पर्यटन कर सकते हैं। वाहनों को शुल्क नहीं लिया जा रहा है।
-वन विभाग को क्यों नहीं सौंप देती टोल नाका
नगर परिषद की ओर से जुटाए जा रहे वाहन टोल में तीस प्रतिशत राशि वन विभाग की भी शामिल है। ऐसे में नगर पालिका अपना टोल नाका ही फोरेस्ट को देकर अपने कार्मिकों वहां से मुक्त करके कार्यालय में लगा लेती। इससे नगर पालिका में कार्मिकों की कमी से भी मुक्ति मिलेगी और टोल की चोरी की समस्या भी नहीं रहेगी।
यहां पर वन विभाग अपने कार्मिक लगाकर टोल वसूली कर सकता है और इसकी एवज में वह नगर पालिका को कुल एकत्रित होने वाले टोल की तीस प्रतिशत राशि नगर पालिका को दे सकता है। इससे यात्रियों को दोहरे प्रवेश शुल्क से मुक्ति मिल जाएगी।
-वाइल्ड लाइफ वार्डन का आदेश आया
माउण्ट आबू नगर पालिका की ओर से वसूली गई यात्री कर राशि में से तीस प्रतिशत राशि पिछले लम्बे अर्से से वन विभाग को नहीं दिए जाने के बाद राज्य सरकार के चीफ वाइल्ड लाईफ वार्डन ने भी माउण्ट आबू सेंचुरी में प्रवेश शुल्क लिए जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके बाद सेंचुरी क्षेत्र मे प्रवेश शुल्क को एक तरह से राज्य सरकार से भी अनुमति मिल गई है। स्थानीय नेताओं की माउण्ट आबू में वन विभाग की ओर से यात्री प्रवेश शुल्क नहीं वसूलने के अनुरोध को राज्य सरकार ने अनसुना कर दिया है।
-पौने पांच करोड देकर ब्याज माफ करवा सकती है नगर पालिका
नगर पालिका इस विवाद को सुलझाने के लिए वन विभाग को बकाया पौने पांच करोड देकर राज्य सरकार से इस राशि पर लगाए गए ब्याज की माफी के लिए अनुरोध कर सकता है। वित्त विभाग के माध्यम से ऐसा हो सकता है। यदि माउण्ट आबू नगर पालिका अपना टोल चालू रखती है तो स्थानीय स्तर पर उस पर वन विभाग की तीस प्रतिशत टोल राशि कम किए जाने का दबाव भी बन सकता हैं
-इनका कहना है…
स्थानीय लोगों और वाहनों से शुल्क नहीं लिया जा रहा है। एक बार यात्री टिकिट लेकर हर जगह उसका उपयोग कर सकेंगे। नगर पालिका प्रतिदिन यात्री कर नाके में वन विभाग का हिस्सा दिए जाने की बात कह रहा है।
केजी श्रीवास्तव
उप वन संरक्षक
माउण्ट आबू सेंचुरी।