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'सरकार ने सभी गोशालाओं को पैसा नहीं दिया तो न्यायालय में जलील करके लेंगे' - Sabguru News
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‘सरकार ने सभी गोशालाओं को पैसा नहीं दिया तो न्यायालय में जलील करके लेंगे’

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‘सरकार ने सभी गोशालाओं को पैसा नहीं दिया तो न्यायालय में जलील करके लेंगे’
congress public meeting in shivganj
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। गोपालन और गोसंवर्धन के नाम पर सत्ता पर काबिज हुई भाजपा की राजस्थान सरकार पर कांग्रेस के पूर्व विधायक संयम लोढा ने गोवंश का अहित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सभी गोशालाओं को अनुदान नहीं दिया तो वह न्यायालय में इसका वाद दायर करके सरकार को जलील करके गोशालाओं का अनुदान उन्हें दिलवाएंगे। वे शनिवार को शिवगंज में केन्द्र सरकार की नोटबंदी के विरोध में प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
लोढा ने कहा कि राजस्थान सरकार ने गोशालाओं को अनुदान देने की शर्त लादी है, इसके तहत दो सौ गोवंशों से कम गोवंश होने पर किसी गोशलाा को अनुदान नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पैसा मुख्यमंत्री को अपने घर से नहीं देना है, गोशालाओं को अनुदान देने के लिए सरकार जनता से गोवंश के संवर्धन के लिए वसूले गए सेस का 103 करोड रुपया सरकार के पास पडा है।
उन्होंने कहा कि सिरोही जिले में भी ऐसी 8 गोशालाएं हैं जिनके पास दो सौ से कम गोवंश हैं वह भी इससे प्रभावित होंगी। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वे इन गोशालाओं की समिति की बैठकें लेकर उन्हें अनुदान दिलवाने के लिए प्रयास करेंगे। यदि सरकार इन्हें अनुदान नहीं देती तो उच्च न्यायालय के माध्यम से यह अनुदान इन गोशालाओं को दिलवाया जाएगा।

लोढा ने आरोप लगाया कि गोवंश पर राजनीति करके सत्ता पर काबिज हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को गोमांस निर्यात में अव्वल बनाने में लगे हुए हैं। वहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गोशालाओं को अनुदान से वंचित कर दिया हैं, जबकि पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने गोशालाओं को अनुदान के लिए राजकोष खोल दिया था।

इतना ही नहीं कांग्रेस सरकार ने तो अपाहिज गोवंशों के लिए नौ महीने तक अनुदान की व्यवस्था की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में सिरोही विधायक के रहते शिवगंज महाविद्यालय में व्याख्याता और शिवगंज चिकित्सालय में चिकित्सक इतने भी नहीं रहे को जनता को राहत मिल सके।
उन्होंने कहा नोटबंदी को 70 साल के इतिहास में सबसे बडा डाका करार देते हुए कहा कि संसद की सीढियां चूमकर प्रवेश करने वाले प्रधानमंत्री लोकतंत्र के इस मंदिर में जाने से इसलिए बच रहे हैं कि उन्हें नोटबंदी को लेकर विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं देना पडे।

उन्होंने एफडीआई पर आरएसएस को आडे हाथों लेते हुए कहा कि स्वेदशी का नारा देने वाली आरएसएस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रक्षा, बीमा, शिक्षा, चिकित्सा समेत सभी क्षेत्रों को एफडीआई को लेकर विरोध क्यों नहीं जताती। उन्होंने हाल ही में आरएसएस के ड्रेस कोड परिवर्तन को लेकर भी व्यंग्य कसा। लोढा ने गांधी चैक में नोटबंदी समेत भाजपा और स्थानीय भाजपा जनप्रतिनिधियों पर लगाए गए आरोपों पर बहस करने के लिए भाजपाइयों को चुनौति भी दी।

लोढा ने कहा कि गृहमंत्री कांग्रेस को बहस के लिए ललकार रहे थे, जब कांग्रेस ने जयपुर प्रेस क्लब में बहस के लिए स्थान और समय मुकर्रर किया तो उनका कोई जवाब नहीं आया। स्थानीय विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी लापरवाही और डीएलसी की बैठक में नहीं जाने के कारण अधिकारियों ने जिले में जमीनों की सरकारी दरों में बेतहाशा वृद्धि कर दी, जिसका खामियाजा आम सिरोही वासियों को भुगतना पड रहा है।

प्रदेश कांग्रेस के पर्यवेक्षक और बाडमेर विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि नोटबंदी ने समाज के हर वर्ग को पीडा दी हैं। किसानों, मजदूर और महिलाओं के लिए तो यह किसी संताप से कम नहीं था। प्रदेश सचिव करणसिंह उचरियाड ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए सहारा समूह और बिडला समुह से करोडो रुपये लिए थे।

उन्होंने कहा कि यदि इंकम टैक्स विभाग के ये दस्तावेज झूठे हैं तो प्रधानमंत्री इसका जवाब देवें और सही हैं तो देश को धोखा देने के लिए माफी मांगें। बैठक में खेतसिंह मेडतिया, शिवगंज पंचायत समिति प्रधान जीवाराम आर्य, महिला कंाग्रेस जिलाध्यक्ष हेमलता शर्मा, हरीश चैधरी एवं कांग्रेस के अन्य नेता मौजूद थे।