जयपुर/सिरोही। पूर्व विधायक संयम लोढा ने राज्य सरकार के राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार से मोबाइल पर बात कर कहा है कि सिरोही षहर में भारतीय जनता पार्टी द्वारा मौजा सिरोही-2 के खसरा नंबर 2709 रकबा 0.2800 हैक्टेयर किस्म बंजर में से 0.2800 हैक्टेयर भूमि आवंटित करने के आवेदन को नामंजूर करें।
सिरोही जिला कलेक्टर ने अपने पत्र दिनांक 19.01.2017 क्रमांक/प.12(3)(4)राज./2016/214 के जरिये राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार से इस भूमि आवंटन के संबंध में मार्गदर्शन मांगा है।
लोढा ने प्रमुख राजस्व सचिव को बताया कि उक्त भूमि प्राइम लोकेशन पर है। इसकी बाजार कीमत 50 करोड रुपये से भी अधिक है। इसके अलावा उक्त खसरे का भू उपयोग 2011 के मास्टरप्लान में सरकारी, अर्द्धसरकारी कार्यालय परियोजनार्थ हेतु आरक्षित रखा गया है।
सिरोही नगर के 2031 के मास्टर प्लान में उक्त खसरा 2709 आवासीय परियोजनार्थ आरक्षित रखा गया है। इस पर प्रमुख राजस्व सचिव ने लोढा से कहा वे निर्णय करने से पूर्व माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर द्वारा सिविल रिट नंबर 1554/2004 में निर्णय आदेश् दिनांक 12 जनवरी 2017 का अवलोकन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि सबगुरु न्यूज ने इस बात का खुलासा सबसे पहले किया था कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार सिरोही के मास्टर प्लान 2031 के अवलोकन में यह भूमि भाजपा को कार्यालय के लिए आवंटित नहीं की जा सकती है।0
लोढा ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि उन्होंने प्रमुख राजस्व सचिव आलोक कुमार को दूरभाष पर बताया कि उक्त भूमि 1960 से ही सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकार क्षेत्र में है। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इस भूमि पर अधीक्षण अभियन्ता एवं गुण नियंत्रण कार्यालय के निर्माण हेतु प्रस्ताव उच्चाधिकारियो को प्रेशित कर रखा है इस पर गुण नियंत्रण प्रयोगशाला बनाना भी प्रस्तावित है।
मौके पर सार्वजनिक निर्माण विभाग ने चारदीवारी बना रखी है। और भूमि अधीक्षण अभियन्ता कार्यालय का हिस्सा है। राजस्थान भू राजस्व अनाधिवासित कृषि भूमि आवंटन नियम 1963 के अनुसार भी नगर पालिका को खाली भूमि ही हस्तान्तरित की जाती है जबकि खसरा नंबर 2709 सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास पिछले 56 साल से है।
लोढा ने प्रमुख राजस्व सचिव को बताया कि नगर परिषद के द्वारा यह पहले से तय करके की भूमि किसे दी जायेगी, जिला कलेक्टर से भूमि की मांग करना पूरी तरह से विधि विरूद्ध है। उन्होंने कहा यदि भूमि को निलामी से विक्रय किया जाता है तो 50 करोड रूपये से भी अधिक की राशि प्राप्त होगी। इस तरह से भूमि आवंटन किया जाना न केवल पद का दुरुपयोग होगा बल्कि सरकार भूमि की खुली लूट के प्रकरण के रूप में आमजनता के सामने आयेगा।
लोढा बताया कि उन्होंने राजस्व सचित से कहा कि सिरोही जिला कलेक्टर अभिमन्यु कुमार ने भी उनको 19.01.2017 को लिखे पत्र के जरिये सरकारी कार्यालय एवं आवासीय परियोजनार्थ उक्त भूमि की आवश्यकता बतायी है।
लोढा ने उनसे कहा कि यह प्रकरण राजस्व विभाग की 2010 में जारी की गई अधिसूचना के दायरे से भिन्न है क्योंकि इसमें भूमि हस्तान्तरण से पूर्व ही यह तय कर लिया गया है कि उक्त भूमि भाजपा कार्यालय के लिये दी जानी है।
लोढा ने उनसे यह भी कहा कि राज्य सरकार के सिरोही जिला प्रभारी मंत्री राजेन्द्रसिंह राठौड सरकारी बैठको में उक्त गलत आवंटन के लिये स्थानीय प्रशासन दबाव बना रहे है। लोढ़ा ने बताया कि प्रमुख राजस्व सचिव आलोक कुमार ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वे गलत आवंटन की स्वीकृति नही देंगे और पूरे मामले को गंभीरता से देखेंगे।
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