जयपुर। राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान लोक परिवहन सेवा के मामले में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच हुई जमकर नोक-झोंक के बाद हंगामा हुआ।
हंगामा नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के लोक परिवहन सेवा और रोडवेज के संबंध में पूछे गए सवाल पर शुरू हुआ। उन्होंने सरकार पर रोडवेज का सत्यानाश करने का आरोप लगाते हुए सवाल पूछने की बजाय भाषण देना शुरू कर दिया। इस पर उपमुख्य सचेतक, भाजपा विधायक बनवारी लाल सिंघल समेत अन्य विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष को टोकना शुरु कर दिया।
इस बहस के दौरान कांग्रेस विधायकों ने भी आपत्ति की। इसी दौरान कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा और अध्यक्ष के बीच नोकझोंक हो गई। इस दौरान डूडी ने लोक परिहवन सेवा में पंजाब की बसें लगाने का आरोप लगाया।
बहस के बीच परिवहन मंत्री यूनुस खान ने विधायक शंकर सिंह रावत और डूडी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में लोक परिवहन सेवा की बसों के संचालन के लिए अगले तीन माह में अलग से बस अड्डों की व्यवस्था कर दी जाएगी।
राज्य के विशाल भौगोलिक क्षेत्रफल और जनसंख्या तथा नवीन सड़कों के निर्माण को देखते हुए सुरक्षित और सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के प्रयासों के तहत यहां 476 रूट्स को लोक परिवहन सेवा के संचालन के लिए खोला गया है और अब तक इस सेवा के कुल 1563 परमिट जारी किए जा चुके हैं।
खान ने कहा कि पिछले 20 वर्ष के दौरान रोडवेज के बेडे में औसतन 4591 बसें रही हैं जो करीब 6000 परमिट रूट्स पर सेवाएं दे रही हैं, जबकि 44 हजार रूट्स निजी बसों के संचालक स्टेट कैरिज के माध्मय से सेवाएं दे रहे हैं।
खान ने कहा कि सरकार का ध्येय रहता है कि किसी प्रकार से जनता को अच्छी परिवहन सेवा प्रदान कर सकें इसके लिए सरकार समय-समय पर कई प्रकार की स्कीम लाती हैं जो ग्रामीण सड़कों, नेशनल हाईवे या उपनगरीय, नगरीय क्षेत्र में परिवहन सेवाएं प्रदान करती हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में ग्रामीण क्षेत्र में एक हजार 23 नए रूट्स खोले गए हैं और कोई भी सदस्य चाहे तो और रूट्स के प्रस्ताव दे सकता है। लोक परिवहन सेवा भी नेशनलाइज्ड 16 हजार 338 रूट्स में से 476 खाली रूट्स को नोटिफाई कर प्रारम्भ की गई हैं।
खान ने कहा कि यह बात सही है कि विज्ञापन देते समय लोक परिवहन सेवा की बसों को रोडवेज के बस अड्डों से चलाए जाने की बात थी लेकिन जब ब्यावर की तरह बीकानेर, नागौर, हनुमानगढ़, सीकर और अन्य जिलों में ऐसे संघर्ष बढ़ने लगे तो 24 नवम्बर, 2015 को इस सम्बन्ध में दिए गए आदेश 37/2015 को 23 नवम्बर 2016 को वापस ले लिया गया है।
उन्होंने कहा कि चाहे रोडवेज हो, लोक परिवहन सेवा हो या निजी बस संचालक सभी को कानून के दायरे में रहकर उनके लिए निर्धारित परमिट रूट्स पर ही बसों का संचालन करना अपेक्षित हैए उन्हें कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि जयपुर में लोक परिवहन सेवा के लिए मेट्रो स्टेशन के पास स्थान तय कर दिया गया है। इसी प्रकार सभी जिला कलक्टर को लोक परिवहन सेवा के संचालन के लिए अलग से स्थान चयन के लिए कहा गया है। अगले तीन माह में इन बसों का संचालन अलग बस अड्डों से प्रारम्भ कर दिया जाएगा।
खान ने कहा कि रोडवेज की हालत किसने खराब की है यह सब जानते हैं। वर्तमान सरकार ने रोडवेज के हितों का पूरा ध्यान रखा है और समय-समय पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है। कांग्रेस सरकार ने पांच साल में रोडवेज को 930 करोड़ 32 लाख दिए थे, जबकि हमारी सरकार तीन साल में ही रोडवेज को 1110 करोड़ 73 लाख रुपए दे चुकी है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि लोक परिवहन सेवा के लिए प्रथम चरण में 218 आवेदनों में से 77 को परमिट जारी किए गए, द्वितीय चरण में 5502 में से 921 को एवं तृतीय चरण में 3176 में से 565 आवेदकों को परमिट जारी किए गए। इस प्रकार कुल 1563 परमिट अब तक जारी किए गए हैं। इनमें से केवल चार ही गाड़ियां पंजाब नम्बर की हैं।
खान ने कहा कि सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट 1988 में ऎसा कोई प्रावधान नहीं है कि गाड़ी किसी राज्य विशेष की होने के कारण उसे आवेदन से रोका जाए। उन्होंने कहा अलावा लोक परिवहन सेवा के लिए आवेदन करने वाले ऎसे आवेदक जिन्होंने बसें खरीद लीं थी और उनकी बसें तैयार हैं उन्हें भी विशेष योजना लाकर एडजेस्ट करने का प्रयास किया जाएगा।
रोड़वेज में 31 मार्च तक 500 नई बसों की खरीद के साथ ही 705 बसें अनुबन्ध पर भी ली जाएंगी जिनमें इन्हें एडजेस्ट करने का प्रयास रहेगा। शेष बसों के लिए भी आगे योजना लाई जा सकती। खान ने कहा कि लोकपरिवहन सेवा की बसों का टेक्स उनको नोटिफाई करते समय ही निर्धारित कर दिया गया था।
एक लमसम टेक्स भी उनसे लिया गया है। अब वे जितना बसों को चलाएंगे उतना ही टेक्स लिया जाएगा। परिवहन मंत्री ने 15 दिसम्बर 2016 में रोडवेज कर्मियों एवं लोक परिवहन सेवा संचालको के मध्य ब्यावर में हुए संघर्ष के मामले में कहा कि इस मामले में रोडवेजकर्मियों एवं लोक परिवहन सेवा के संचालकों द्वारा परस्पर एफआईआर दर्ज करवाई गई है और इस मामले में अनुसंधान जारी है।
यह घटना डिपो के अन्दर हुई थी या नहीं इस मामले में तफ्तीश के बाद दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि रोडवेजकर्मियों द्वारा लोक परिवहन सेवा के कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर के अनुसार लोक परिवहन सेवा के सात लोगों को गिरफ्तार कर 6 मार्च को कोर्ट में उनके खिलाफ चालान पेश कर दिया गया है।
इसी मामले में लोक परिवहन सेवा के कर्मचारियों द्वारा रोडवेजकर्मियों के खिलाफ एफआईआर में धारा 379 लगाई गई है। इसकी जांच जारी है। उन्होंने घटना के डिपो के अन्दर होने या बाहर होने की जांच के लिए एडीशनल एसपी स्तर के अधिकारी से मामले की पुनः जांच कराने की घोषणा भी की।