नई दिल्ली। लोकसभा के पूर्व स्पीकर पी. ए. संगमा का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से दिल्ली के अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन पर लोकसभा सांसदों ने सदन की कार्यवाही शुरु होने से उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
उनके निधन से दुखी स्पीकर सुमित्रा महाजन ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि हंसते हुए सदन कैसे चलाना है, यह उन्होंने माननीय संगमाजी से ही सीखा। संगमा के निधन पर दो मिनट का मौन रखने के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
जानकारी हो कि मेघायल के रहने वाले पीए संगमा साल 1988 से 1991 तक राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे। वह 1996 से 1998 तक लोकसभा स्पीकर के रहे।
1 सितंबर 1947 को मेघालय में पैदा होने वाले संगमा ने शिलांग से स्नातक और फिर असम के डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि ली। इसके बाद उन्होंने एलएलबी भी की। 1977 में वह पहली बार सांसद बने। उनकी बेटी अगाथा भी सांसद रह चुकी हैं।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं ने जताया शोक
पूर्व लोकसभा स्पीकर पी ए संगमा के निधन पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, उपराष्ट्रपति एम.हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
पूर्व लोकसभा स्पीकर पी ए संगमा की पत्नी सोरादीनी संगमा को लिख अपने शोक संदेश में शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि उन्हें पूर्व लोकसभा स्पीकर के निधन की जानकारी पर काफी दुखः पहुंचा है। आठ बार लोकसभा सदस्य, मेघालय के मुख्यमंत्री सहित केन्द्र सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों रहते हुए संगमा ने क्षेत्र की उन्नति के लिए काफी सक्रिय रुप से कार्य किया।
उनके इस योगदान को देश कभी नहीं भूलाएगा। राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि पूर्व लोकसभा स्पीकर के निधन से देश को एक विशेष क्षति पहुंची है। इस मौके पर राष्ट्रपति मुखर्जी ने अपने शोक संदेश में पीड़ित परिवारों को सांत्वना देते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में भगवान उनके परिवार के सदस्यों को शक्ति प्रदान करें।
अपने शोक संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्व लोकसभा स्पीकर पी ए संगमा के निधन पर उन्हें काफी दुखः पहुंचा है। उनके लोकसभा अध्यक्ष कार्यकाल को किसी भी हाल में नही भुलाया जा सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक साफ छवि के नेता के रुप में पेश करने के लिए पूर्व लोकसभा स्पीकर ने स्वयं ही मेहनत की थी।
आजाद हिन्द फौज पर वर्ष 2012 में आयोजित एक कार्यक्रम की बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संगमा जी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस से काफी प्रभावित थे। इस स्पष्ट प्रमाण कार्यक्रम में दोनों नेताओं का एक साथ भाग लेने से पता चलता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर के विकास में संगमा के योगदान की सराहना भी की।
उपराष्ट्रपति एम हामिद अंसारी ने भी पूर्व लोकसभा स्पीकर संगमा के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि उनके निधन की जानकारी मिलने से मुझे काफी दुखः हुआ है। आठ बार लोकसभा सदस्य, मेघालय के मुख्यमंत्री सहित केन्द्र सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर रह कर उन्होंने देश की सेवा की।
उत्तर-पूर्व भारत के लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने तथा क्षेत्र के आदिवासी समुदायों के सुधार एवं उनके उत्थान के प्रयासों में उनके योगदान को कभी भी भूलाया नहीं जा सकता। इस मौके पर उपराष्ट्रपति अंसारी भगवान से पूर्व लोकसभा स्पीकर के परिवार को शक्ति प्रदान करने एवं संगमा के आत्मा की शांति के लिए देश को लोगों को प्रार्थना करने की अपील की।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व लोकसभा स्पीकर के निधन की खबर सुनने के बाद उन्हें काफी दुखः पहुंचा है। भाजपा अध्यक्ष ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं भी व्यक्त की।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके निधन को देश के लिए बड़ी क्षति करार दिया है I संगमा के निधन को देश के लिए एक अपूरणीय क्षति बताते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि देश उनके योगदान को कभी भी नहीं भूलाएगा।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने संगमा के निधन से उत्तर-पूर्व का एक बड़ा नेता हमारे बीच से चला गया। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इसी तरह कई अन्य नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।