नई दिल्ली। नई परमाणु परियोजनाएं स्थापित करने और परमाणु ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम 1962 में संशोधन होगा, इस बावत सोमवार को लोकसभा ने मंजूरी दे दी।
अभी परमाणु ऊर्जा परिचालन सार्वजनिक क्षेत्र की दो कंपनियों न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड और भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड द्वारा किया जाता हैं। ये दोनों कंपनियां परमाणु ऊर्जा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं।
एनपीसीआईएल तथा सार्वजनिक क्षेत्रों की अन्य कंपनियों के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने पर सरकार विचार कर रही है लेकिन इसके लिए अतिरिक्त वित्त पोषण की जरूरत होगी। वर्तमान नियमों एवं परिभाषा के तहत यह व्यवहार्य नहीं है।
यह नियम सरकारी कंपनी को किसी अन्य पीएसयू के साथ संयुक्त उद्यम स्थ्ज्ञापित करने से रोकता है। परमाणु ऊर्जा संशोधन विधेयक 2015 में इस कठिनाइयों को दूर किया गया है और सरकारी कंपनी की परिभाषा को संशोधित किया गया है।
इसमें ऐसा प्रावधान किया गया है जिससे एनपीसीआईएन और किसी अन्य पीएसयू के बीच संयुक्त उद्यम स्थापित हो सकेगा। इस विधेयक में ऐसा प्रस्ताव भी किया गया है जिससे केंद्र सरकार, परमाणु उर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए संयुक्त उद्यम के वास्ते लाइसेंस जारी कर सकेगी। इसमें सुरक्षा और परमाणु सामग्रियों के सुरक्षित निपटारा सुनिश्चित करने की बात भी कही गई है।