नई दिल्ली। लोकसभा में शुक्रवार को सर्वसम्मति से कश्मीर पर एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कड़े शब्दों में कहा गया कि भारत की एकता और अखंडता के साथ कोई भी समझौता नहीं होगा।
प्रस्ताव पारित होने के पश्चात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर पर एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में प्रधानमंत्री के अतिरिक्त गृहमंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह भी थे।
लोकसभा के प्रस्ताव में कश्मीर में शान्ति स्थापित करने के लिए तत्काल कदम उठाये जाने का भी आह्वान किया गया। प्रस्ताव में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि भारत की एकता और अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
इस बात का संसद के सभी सदस्यों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने प्रस्ताव को लोक सभा में पढ़ा। प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर में समाज के सभी वर्गों से अपील की गई है कि आम लोगों, विशेष रूप से युवाओं, के बीच विश्वास बहाल किया जाए।
प्रस्ताव में कश्मीर में हुई मौतों और क्षति पर दुःख व्यक्त किया गया। कुछ दिन पहले राज्यसभा में भी कश्मीर पर पूरे दिन की चर्चा के बाद एक प्रस्ताव पारित किया गया।
राज्य सभा की चर्चा में सभी राजनीतिक दलों ने सरकार से आह्वान किया कि प्रधानमंत्री एक सर्वदलीय बैठक बुलाएं और एक संसदीय दल ताजा स्थिति जानने के लिए कश्मीर भेजा जाए।