कानपुर। मुम्बई से गोरखपुर जा रही लोकमान्य तिलक ट्रेन के स्लीपर कोच के पहिए का बोल्ट कानपुर सेंट्रल के पास खुल गया। चालक ने इमरजेसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी, जिसके चलते बड़ा हादसा होने से टल गया।
रेलवे अधिकारी व इंजीनियरों की टीम मौके पर जाकर बोल्ट लगाया। इस दौरान ट्रेन करीब 30 मिनट तक खड़ी रही। बीते माह 20 नवम्बर को पुखरायां के पास हुए इंदौर पटना एक्सप्रेस हादसे के बावजूद रेलवे विभाग सबक नहीं ले रहा है।
बुधवार को मुम्बई से चलकर गोरखपुर जा रही लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के स्लीपर कोच एस-5 के पहिये के बोल्ट खुलकर गिर गए। ट्रेन पांच किलोमीटर तक बिना बोल्ट के ऐसे ही ट्रैक पर दौड़ी।
सेंट्रल स्टेशन से कुछ दूरी पर चालक को इसकी जानकारी हुई तो उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोक, आलाधिकारियों को मामले की जानकारी दी। सूचना मिलते ही रेलवे के इंजीनियरों की एक टीम मौके पर पहुंची और पहिये में नया बोल्ट लगाने में जुट गई। इस दौरान यात्री उत्तेजित हो गए और हंगामा करने लगे।
जीआरपी व रेलवे के अधिकारियों ने उन्हें शांत कराकर ट्रेन को गोरखपुर के लिए रवाना किया। स्टेशन अधीक्षक आरपीएन त्रिवेद्वी ने बताया कि बोगी क्रम संख्या एस-5 के पहिये का बोल्ट गिर गया था। इंजीनियरों ने नया बोल्ट लगाकर ट्रेन को रवाना कर दिया।
बताते चलें कि मंगलवार को सेंट्रल स्टेशन से गरीब रथ के चालक की सर्तकता के चलते दुर्घटना होते-होते बच गई। गाड़ी के पहियों से चिंगारी निकलता देख चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाई और ट्रेन को गंगाघाट स्टेशन पर रोक दिया।
गाड़ी में बैठे मेंटेनेंस विभाग के कर्मचारी व चालक ने पॉवर यान का लॉक खोलकर जेनरेटर से जुड़े तारों को हटाया। जिसके बाद आग बुझाई गई। इसके बाद ट्रेन के आधे कोच में विद्युत आपूर्ति बंद हो गई।
बाद में आधे कोच की विद्युत आपूर्ति ट्रेन के पिछले हिस्से में लगे दूसरे पॉवर यान से कराई गई। इस कारण ट्रेन करीब 45 मिनट तक स्टेशन पर खड़ी रही। गाड़ी के पूरी तरह से चेकिंग के बाद गंतव्य को रवाना किया जा सका।