लंदन। लंदन ब्रिज पर हुए आतंकवादी हमले में शामिल तीसरे हमलावर की पहचान मंगलवार को इतालवी नागरिक के रूप में कर ली गई। इस बीच पाकिस्तान में अधिकारियों ने पाकिस्तान मूल के ब्रिटिश हमलावर के परिवार वालों के होटल की तलाशी ली।
सुरक्षा एजेंसियों ने मंगलवार को 27 वर्षीय हमलावर खुर्रम शाजाद बट के एक रिश्तेदार के कराची के मुजाहिदाबाद इलाके में स्थित होटल की तलाशी ली। शनिवार को हुए लंदन हमले में शामिल तीनों आतंकवादियों को पुलिस ने मार गिराया था।
समाचार पत्र ‘डान’ के मुताबिक यह होटल जीटी रोड पर स्थित है। स्थानीय निवासियों ने होटल में तलाशी की पुष्टि की है।
ब्रिटिश जांचकर्ताओं द्वारा बट का संबंध पाकिस्तान से पाए जाने के बाद बचाव के तौर पर यह तलाशी ली गई। ब्रिटिश मीडिया में कहा गया है कि पुलिस और गुप्तचर एजेंसी एम15 बट को पहले से जानती थी। हालांकि ऐसा कहा गया है कि पाकिस्तान में बट ने चरमपंथ का रास्ता नहीं अपनाया था।
यहां तक कि पिछले वर्ष टेलीविजन चैनल ‘चैनल 4’ द्वारा प्रसारित वृत्तचित्र ‘द जिहादीज नेक्स्ट डोर’ में भी बट को देखा जा चुका है।
अन्य हमलावरों की पहचान मोरक्को मूल के इटली निवासी 22 वर्षीय यूसुफ जाघबा और मोरक्को मूल के लीबियाई नागरिक 30 वर्षीय रशीद रादुआने के रूप में की गई है।
‘बीबीसी’ की रपट के अनुसार जांच के दौरान यह सामने आया है कि कि जाघबा को पिछले साल सीरिया में घुसने की कोशिश के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
लंदन की मेट्रोपोलिटन पुलिस ने मंगलवार को कहा जाघबा पुलिस कर्मी नहीं था और न ही एम15 की उस पर नजर थी। हमले के समय वह लंदन के एक रेस्तरां में काम करता था।
जाघबा के माता-पिता कथित तौर पर मोरक्को में ही रहते थे और संबंध विच्छेद के बाद जाघबा की मां इटली को बोलोग्ना में बस गईं। जाघबा अधिकांश समय पूर्वी लंदन में रह रहे अपने रिश्तेदारों के यहां रहता था, हालांकि अक्सर अपनी मां से भी मिलने जाता रहता था।
मार्च, 2016 में जब जाघबा को बोलोग्ना हवाईअड्डे पर रोका गया था, तब उसने अपनी मां को बताया था कि वह रोम जा रहा है।
उस समय जाघबा सिर्फ एक छोटे-से बैग के साथ सफर कर रहा था और उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था। उसका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया था, जिसमें धार्मिक वीडियो और तस्वीरें पाई गई थीं, लेकिन किसी तरह की हिंसक जिहादी तस्वीरें नहीं थीं।
हालांकि जाघबा के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया था और खुफिया दस्तावेजों में उसे संदिग्ध विदेशी लड़ाके के तौर पर दर्ज किया गया था।
इटली के समाचार पत्र कोरिएरे डेला सेरा के अनुसार बाद में उस पर लगे मामले तो हटा लिए गए थे, लेकिन खुफिया दस्तावेजों में उसे अभी भी खतरे की संभावना वाले व्यक्ति के तौर पर दर्ज रखा गया था।
पुलिस ने बताया कि लंदन हमले के सिलसिले में रविवार को हिरासत में लिए गए सभी 12 व्यक्तियों को बिना मामला दर्ज किए छोड़ दिया गया, जबकि मंगलवार को लंदन के नजदीक बार्किंग में एक 27 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
गौरतलब है कि लंदन में शनिवार को तीन हमलावरों ने एक ब्रिज पर पैदलयात्रियों पर वैन चढ़ा दी थी और इसके बाद उसने बोरो मार्केट में घुसकर लोगों पर चाकुओं से हमला किया था।
इस घटना में सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 48 घायल हो गए थे। एनएचएस इंग्लैंड ने कहा कि 36 लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें 18 की हालत गंभीर है। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने लंदन हमले की जिम्मेदारी ली है।