भोपाल। आसमान में कल मंगलवार, 30 जून को अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा, क्योंकि ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस दिन गुरु-शुक्र का मिलन होगा और 1 जुलाई को दोनों ही ग्रह एक-दूसरे में समा जाएंगे।
जबकि वैज्ञानिक दृष्टि से यह दोनों ग्रह एक सीधी रेखा में आ जाएंगे, जिसके चलते धरती से देखने वालों को यह दोनों एक-साथ दिखेंगे। इस चमत्कारिक दृश्य को लोग खुली आंखों से देख सकेंगे।
पंडित धर्मेन्द्र शास्त्री ने हिस बताया कि 30 जून को आसमान में एक चमत्कार होगा, जिसे हम खुली आंखों से भी देख सकेंगे। उन्होंने कहा कि जून के शुरुआत से ही शुक्र और गुरु, दोनों नजदीक आ रहे हैं और 30 तारीख दोनों एक-दूजे में समा जाएंगे। यह बहुत ही अद्भुत नजारा होगा।
वहीं साइंस कम्यूनिकेटर सारिका घारू ने इस संबंध में वैज्ञानिक जानकारी देते हुए बताया कि अगर बादल बाधा न बने, तो इस सप्ताह के अंत में 30 जून को रात्रि के समय आकाश में ग्रहों की रानी कहे जाने वाले चमकते वीनस और ग्रहों के राजा कहे जाने वाले जुपिटर को आप एक-दूसरे के नजदीक आते देख पायेंगे।
30 जून के रात्रि में आप वीनस और जुपिटर का मिलन देख सकेंगे। उन्होंने कहा कि खगोल विज्ञान में इस घटना को कंजक्शन कहा जाता है।
सारिका ने बताया कि अगर इस सप्ताह आकाश साफ रहता है, तो सूर्य और चंद्रमा के बाद चमक में तीसरे क्रम में वीनस और चौथे क्रम में जुपिटर को पश्चिम आकाश में सूर्यास्त के बाद देखा जा सकता है। इस सप्ताह आप हर रात महसूस करेंगे कि दोनों ग्रहों के बीच की दूरी कम होती जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस समय जुपिटर और वीनस के बीच 10 डिग्री से कम की दूरी है जो 30 जून को सिमट कर एक डिग्री से भी कम रह जायेगी। 1 जुलाई की रात्रि को ये एक-दूसरे में समाये से नजर आयेंगे। मिलन की इस घड़ी में जुपिटर हमारे ग्रह पृथ्वी से लगभग 6 एस्ट्रोनामिकल यूनिट यानि नब्बे करोड़ किमी दूरी पर होगा तो वीनस से हमारी दूरी लगभग साढ़े सात करोड़ किमी यानि 0.5 एस्ट्रोनामिकल यूनिट होगी।
कंजक्शन के समय दोनो प्लेनेट सूर्यास्त के लगभग ढ़ाई घंटे तक आकाश में रहकर पश्चिम में अस्त हो जायेंगे। सारिका घारू ने बताया कि वीनस और जुपिटर का पिछला कंजक्शन 18 अगस्त 2014 को हुआ था। अगला कंजक्शन 27 अगस्त 2016 को होगा। सारिका द्वारा मध्यप्रदेश के विभिन्न नगरों में स्टूडेन्ट्स को इस खगोलीय घटना के बारे में वैज्ञानिक जानकारी दी जा रही है।