रांची। जगन्नाथपुर का ऐतिहासिक रथ यात्रा महोत्सव के दौरान भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा संग रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी पहुंचे।
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन रथारूढ़ भगवान जगन्नाथ मुख्य मंदिर से बाहर निकले और लाखों श्रद्धालुओं को दर्शन दिया। रथ के आगे-आगे झारखंडी कलाकार परंपरागत वाद्ययंत्रों को बजाते हुए चल रहे थे।
रथ का संचालन हटिया डीएसपी राधा प्रेम किशोर ने किया। रथ खींचने के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भगवान जगन्नाथ के जयघोष से पूरा जगन्नाथपुर परिसर गूंज उठा। मांदर की थाप और तुरही की मधुर ध्वनि से पूरा मेला परिसर गुंजायमान रहा। रथ को आकर्षक ढंग से सजाया गया था।
रथारूढ़ हुए भगवान
भगवान के विग्रहों को दोपहर दो बजे के बाद रथारूढ़ किया गया। इनके विग्रहों को मुख्य मंदिर से कंधे पर उठाकर रथ तक लाया गया। इस कार्य में लगभग आधे घंटे से अधिक का समय लगा। गुरु बाजपुर रातू के महतो परिवार के लोगों ने विग्रहों को उठाया। रथ पर सवार होने के बाद पंडितो के दल के द्वारा सभी विग्रहों को रथारूढ़ करा श्रृंगार किया गया।
दोपहर तीन बजे से विष्णु लक्षार्चना शुरू हुई। मुख्य पुजारी पंडित ब्रजभूषण नाथ मिश्रा के नेतृत्व में पुजारी जगदीश मोहंती, पुजारी रामेश्वर, पंडित सरयुनाथ मिश्र ने विष्णु लक्षार्चना का अनुष्ठान संपन्न कराया। लगभग दो घंटे के इस अनुष्ठान में मंगल आरती, विष्णु स्तुति, जगन्नाथ अष्टकम स्तुति की गयी। इस अनुष्ठान में सैकड़ों की संख्या में स्त्री और पुरुष शामिल हुए।
इस विधान में शामिल होनेवाले पुरुष दो धोती पहनकर खुले बदन पूजा में बैठे हुए थे। मारवाड़ी सहायक समिति के द्वारा रथ का रस्सी बंधन किया गया। मुख्य पुजारी के आदेश के बाद संध्या साढ़े चार बजे के बाद भक्तों ने रथ खींचना प्रारंभ किया। रथ के आगे पारंपरिक वाद्य यंत्र लिए कलाकारों की टीम साथ चल रही थी। पारंपरिक नरसिंघा और भेर का वादन करते हुए रथ के साथ आगे-आगे चल रहे थे।
मान्यता के अनुसार नरसिंघ और भेर वादन शुभ और फलदायी माना जाता है। रथ खींचने के दौरान पुलिस बलों की सैकड़ों की संख्या में मौजूद थे। रथ खींचने और व्यवस्था को ठीक करने में पुलिस जवान, स्वयं सेवी संस्थाएं, सरना समितियां समेत अन्य लोग लगे हुए थे। शाम साढ़े छह बजे के बाद रथयात्रा मौसीबाड़ी पहुंची। जहां भगवान जगन्नाथ की पूजा और 108 दीपों की मंगला आरती उतारी गयी। इस दौरान भी भक्तों की भारी भीड़ जुटी रही। भगवान जगन्नाथ के नारों से पूरा जगन्नाथुपर गूंजता रहा।
सुबह से भक्तों की लगी लाइन
शनिवार को सुबह पांच बजे से ही भगवान सर्वदर्शन के लिए सुलभ हो गये थे। इससे पूर्व सुबह चार बजे भगवान जगन्नाथ की पूजा और आरती की गयी, इसके बाद उन्हें भोग चढ़ाया गया। पूजन अनुष्ठान के बाद भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए मंदिर के पट खोल दिये गये। मंदिर के पट खुलते ही भक्तों का जनसैलाब भगवान के दर्शन को उमड़ा। मंदिर में भक्तों को लाइन में लगा कर दर्शन कराये जा रहे थे। इसमें स्वयं सेवा संस्था के लोग लगे हुए थे।
उमड़ी लाखों लोगों की भीड़
जगन्नाथपुर मेला में शनिवार को लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। रथ मेला को देखने और भगवान का दर्शन करने के लिए लोग लाइन में घंटों इंतजार करते रहे। भगवान का दर्शन कर भक्तगण निहाल हुए। मेला परिसर में चारों ओर सजी मिठाई, खिलौने, ग्रामीण क्षेत्र में चलने वाले औजार, पशु-पक्षी सहित अन्य सामग्री की दुकानें सजी है। मेला घूमने के साथ महिला और पुरुष खरीदारी करते भी दिखे। मेला परिसर में बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। मेला परिसर में लगाए गए झूले पर झूलने के लिए बच्चों की भीड़ लगी हुई थी। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए है।