जब-जब धरती पर पाप बढ़ता हैं तब-तब किसी ना किसी रूप में भगवान विष्णु अवतार लेतें हैं। हर अवतार में अलग सीख देतें हैं। यह बात सच है कि भगवान विष्णु का वाहन गरुड़ है, परन्तु शेषनाग उनके हर अवतार में साथ जुड़ा हुआ है, कभी आपने सोचा है कि भगवान विष्णु सांपों के बिस्तर क्यों सोते हैं? हम आप को इनके पीछे के राज के बारे में बताते हैं –
1.समय के मार्गदर्शक :- जब संसार में पाप बहुत अधिक बढ़ गए थे तब भगवान विष्णु ने विश्व का उद्धार किया था। शेषनाग ‘अनंत’ अर्थात जिसकी कोई सीमा नहीं, का प्रतीक है। भगवान विष्णु उपयुक्त समय पर मानव जाति का मार्ग दर्शन करते हैं। यही कारण है कि उन्हें साँपों के बिस्तर पर लेटा हुआ दिखाया जाता है।
2. भगवान विष्णु की अभिव्यक्ति:- हर बार संसार को बचाने के लिए भगवान विष्णु के कई रूपों और आकारों में जन्म लिया है। हिन्दू धर्म के अनुसार शेषनाग भगवान विष्णु की उर्जा का प्रतीक हैं जिस पर वे आराम करते हैं।
3. सभी ग्रहों के बैठने का आसन:- हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि शेषनाग ने अपनी कुंडली में सभी ग्रहों को पकड़ के रखा है और वे भगवान विष्णु के मन्त्रों का उच्चारण करते हैं। यदि भगवान विष्णु संपूर्ण ब्रह्मांड, ग्रहों और तारों के प्रतीक हैं तो वास्तव में यह महत्व जायज़ है।
4.भगवान विष्णु का रक्षक:- शेषनाग भगवान विष्णु को केवल आराम करने के लिए जगह ही नहीं देते बल्कि वे उनके रक्षक भी हैं। क्या आप ऐसा सोचते हैं कि यह एक विडंबना है? भगवान कृष्ण के जन्म के समय जब कृष्ण भगवान के पिता वासुदेव उन्हें नंद के घर ले जा रहे थे तब शेषनाग ने ही तूफ़ान से भगवान कृष्ण की रक्षा की थी। तो निश्चित रूप से वे एक रक्षक हैं।
5. यह संबंध कभी ख़त्म न होने वाला है:- भगवान विष्णु और शेषनाग के बीच का संबंध शाश्वत है। भगवान विष्णु के प्रत्येक अवतार में बुरी शक्तियों का नाश करने के लिए शेषनाग भगवान विष्णु के साथ जुड़े हुए हैं और उन्होंने विश्व को पाप से बचाया है। त्रेता युग में शेषनाग ने लक्ष्मण का रूप लिया था जबकि द्वापर युग में वे बलराम के रूप में थे। और दोनों ही जन्मों में उन्होंने राम और कृष्ण की सहायता की थी।
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