नई दिल्ली। अमिताभ बच्चन की ‘पिंक’ महिलाओं पर होने वाली छींटाकशी को दमदार तरीके से दिखाने के लिए तारीफ बटोर रही है। वहीं मेगास्टार ने कहा कि उन्हें फिल्म के प्रभाव का तभी अंदाजा हो गया था जब यह बन रही थी क्योंकि उन्होंने क्रू के व्यक्तियों को भावुक होते हुए देखा था।
शुक्रवार को रिलीज हुई ‘पिंक’ तीन लड़कियों की कहानी है, जो समाज में उनके साथ गलत करने वालों को सबक सिखाती है। इस समाज के लोग का व्यवहार सेक्सिस्ट और पितृसत्तात्मक है।
फिल्म में लड़कियों के वकील की भूमिका निभाने वाले बच्चन ने इंडिया टुडे के ‘मांइड रॉक्सÓ कार्यक्रम में कहा कि ‘पिंक’ की शूटिंग के दौरान कू्र के बहुत सारे व्यक्ति रो पड़े थे।
73 वर्षीय अभिनेता के साथ फिल्म की कास्ट तापसी पन्नू, कृति कुलहारी, एंड्रिया तरिआंग और अंगद बेदी तथा फिल्म के निर्माता शूजित सरकार भी थे।
वार्ता के दौरान बच्चन ने अपनी मां को भी याद किया। उन्होंने कहा कि मेरी मां मेरी सबसे बड़ी प्ररेणा हैं। उनमें करूणा और मजबूती एक समान थी। उन्होंने मुझे सिखाया कि कभी भी किसी को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए।