लखनऊ। जवाहर लाल यूनीवर्सिटी (जेएनयू) से निकली चिंगारी की लपटों ने राजधानी लखनऊ स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) को भी अपने आगोस में ले लिया है।
मंगलवार को केजीएमयू में राहुल गांधी के जेएनयू में दिए गए बयान से निराश एक मेडिकल स्टूडेंट ने उनके लिए मेडिकल कार्ड बनवाया था। इस मामले के तूल पकड़ने पर कुलपति ने कार्ररवाई करते हुए मेडिकल स्टूडेन्ट को सस्पेंड किया है। इसके अलावा कुलपति ने कार्ड बनाने वाले कर्मचारी को भी सस्पेंड किया है।
मेडिकल छात्र डॉ. विनोद का कहना है कि राहुल गांधी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने से वह देश विरोधी बयानबाजी करने वालों का साथ दे रहे हैं। उनका इलाज केजीएमयू के मेंटल सेक्शन में करवाना जरूरी है।
16 फरवरी को बने मेंटल ट्रीटमेंट कार्ड में राहुल गांधी के रायबरेली के एड्रेस को लिया गया है। कार्ड में साफ तौर पर उनके पिता का नाम राजीव गांधी और उम्र 45 साल है। कार्ड में उनका ब्लड ग्रुप अननोन रखा है। इमरजेंसी नंबर के तौर पर स्टूडेंट ने अपना नंबर दर्ज करवाया है। कार्ड का रजिस्ट्रेशन नंबर 2016.02.021665 है। स्टूडेंट डा. विनोद बीडीएस कर चुका है और पीजी की तैयारी कर रहा है।
केजीएमयू के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि परिसर में किसी तरह की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विचारों में मतभेद के बावजूद किसी को उन्हें अपमानित करने का अधिकार नहीं है।
डॉ. वेद प्रकाश ने कहा परिसर को गैर राजनीतिक बनाए रखने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन सजग है। इसके लिए जो भी करना होगा किया जाएगा। इस बीच, निलम्बित छात्र डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि राहुल गांधी के बयानों से लगता है कि उनके मानसिक हालात ठीक नहीं हैं। उन्हें इलाज की जरुरत है, इसलिए उनका बाह्य रोगी विभाग के लिए पर्चा बनवाकर पंजीकरण करा दिया।