लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 12 आरोपी भारी सुरक्षा के बीच सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए।
अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराए जाने के मामले में सभी आरोपियों को 20-20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई है।
बचाव पक्ष के वकील प्रशांत सिंह अटल ने मीडिया को बताया कि अदालत ने सुनवाई के बाद सभी 12 आरोपियों को जमानत दे दी। हमने अपनी बात रखी है। हमने अदालत को बताया है कि बाबरी मामले में इन लोगों की कोई संलिप्तता नहीं थी।
इससे पूर्व आडवाणी और जोशी लखनऊ हवाईअड्डे से सीधे वीवीआईपी अतिथि गृह पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनसे मुलाकात की।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि मैं खुद को अपराधी नहीं मानती हूं। यह खुला आंदोलन था, जैसा कि आपातकाल के खिलाफ हुआ था। इस आंदोलन में क्या साजिश थी, मुझे नहीं पता।
भाजपा नेता महंत राम विलास वेदांती ने कहा कि अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने वालों में वह भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की इसमें कोई भूमिका नहीं है, वे निर्दोष हैं।
अयोध्या के बाबरी मामले की सुनवाई के सिलसिले में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश होने आए वेदांती ने कहा कि वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्घ हैं।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 19 अप्रेल को आदेश दिया था कि आडवाणी (89), जोशी (83) और उमा (58) के अलावा बाकी सभी आरोपियों पर बाबरी ढांचा गिराए जाने के मामले में आपराधिक साजिश का मुकदमा चलेगा।
न्यायालय ने मामले की सुनवाई दैनिक आधार पर करने और दो साल में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था।
न्यायालय ने कहा है कि भाजपा नेता कल्याण सिंह जब तक राज्यपाल के पद पर हैं, तबतक उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चल सकता। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, उसी समय ढांचा गिराया गया था।
न्यायालय ने रायबरेली की अदालत में आडवाणी, जोशी, उमा और तीन अन्य आरोपियों पर चल रहे मुकदमे को लखनऊ स्थानांतरित करने का आदेश दिया था, ताकि ढांचा गिराए जाने के मामलों की एक साथ सुनवाई हो सके।