लंदन। फेफड़े के कैंसर के दौरान कैंसर कोशिकाएं किस प्रकार शरीर के अन्य भागों में फैलती हैं, इसका पता शोधकर्ताओं ने लगा लिया है। इसके लिए फेफड़े के कैंसर की कोशिकाएं सबसे पहले उस प्रोटीन को खत्म कर देती है, जो उसे पड़ोसी कोशिकाओं से जोडे रखती है। इस बारे में पत्रिका “सेल रिपोट्र्स” में एक लेख भी प्रकाशित हुआ है।
रोजाना 10 मिनट सीढ़ियां चढ़ना ताजगी में मददगार
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के कैंसर रिसर्च यूके मैनचेस्टर इंस्टीट्यूट की प्रमुख शोधकर्ता एंगेलिकी मालिरी ने कहा कि इस शोध में पहली बार यह बात सामने आई कि फेफड़े के कैंसर की कोशिकाएं किस प्रकार “कोशिका पुनर्चक्रण प्रक्रिया” को कब्जे में कर पड़ोसी कोशिकाओं से अलग होती हैं।
टमाटर है सेहत के लिए फ़ायदमंद इसमे है गुणों का भंडार,…
निष्कर्ष में खुलासा हुआ है कि कोशिकाओं को आपस में जोड़े रखने का काम एक प्रोटीन (टीआईएमए1) करता है। जब कोशिकाओं के मरम्मत की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी आती है, तो टीआईएमए1 को खत्म कर उस कोशिका को अलग कर दिया जाता है।
बीमार कोशिकाओं की जगह स्वस्थ कोशिकाएं लेती रहती हैं। लेकिन फेफड़े के कैंसर की स्थिति में यह प्रक्रिया अनियंत्रित हो जाती है, जिसके परिणाम स्वरूप टीआईएमए1 भारी पैमाने पर नष्ट होती हैं और इस तरह कैंसर कोशिकाओं का प्रसार होता है। रिसाइकिल की इस प्रक्रिया को नियंत्रित कर फेफड़े के कैंसर को फैलने से रोका जा सकता है।
बच्चों में बढ़ रही स्मार्टफोन की लत, करना पड़ेगा उनकी इस…
कैंसर रिसर्च यूके के नेल बैरी ने कहा कि इस तरह की प्रारंभिक अवस्था का शोध इलाज की खोज के लिए बेहद जरूरी है और एक दिन ऎसा आएगा, जब कैंसर कोशिकाओं के प्रसार पर पूरी तरह नियंत्रण कर लिया जाएगा और कैंसर का स्थायी समाधान मिल जाएगा।