![मां गायत्री प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव : देवपूजन यज्ञ में गूंजे गायत्री मंत्र और जयकारे मां गायत्री प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव : देवपूजन यज्ञ में गूंजे गायत्री मंत्र और जयकारे](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/02/yagya4.jpg)
![maa Gayatri murti pran pratishtha mahotsav in pali](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/02/yagya.jpg)
पाली। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में पाली शहर में चल रहे विशालल गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन सोमवार को गायत्री परिवार के लोगों ने गायत्री मंत्र भजन और गीतों के साथ देवपूजन यज्ञ में भाग लिया। सभी कुण्ड पीत वस्त्र पहने यजमानेां से शोभायमान हो रहे थे।
कार्यक्रम के प्रवक्ता जगदीश दुबे ने बताया कि इस विशाल यज्ञ के मुख्य यजामान रमेश सोनी व किरण सेनी ने मां गायत्री की मूर्ति भेंट की है। हरिद्वार एवं देश के कई जगह से इस समारोह में यजमान पधारे हुए हैं। उन्होंने बताया कि हवन से पहले 33 जोडों से सर्व भद्र की पूजा अर्चना करवाई गई। पूजा के दौरान मुख्य रूप से अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी दिलीप कर्मचंदानी, जय कर्मचंदानी, अनुराधा शर्मा व चम्पालाल उपस्थित थे।
![maa Gayatri murti pran pratishtha mahotsav in pali](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/02/yag3.jpg)
पंडित विष्णुकांत त्रिपाठी, दिलधार यादव, राधेश्याम राठी, श्रीगोपाल सेानी, संजय डागा, राजकुमार कर्मचंदानी, महेश विजाणी, ओमकप्रकाश चतुर्वेदी, परमेश्वर जोशी, सुनीता दुबे, मधु काकाणी, निर्मल काकाणी, मधु काकाणी, बाबूलाल, सुशीला, आनंदीलाल शर्मा, मुरलीधर गौड़, जयशंकर त्रिवेदी, पूसाराम, बद्रीलाल, श्यामकृष्ण, नेमीचंद, महेन्द्रसिंह, प्रमोद शर्मा आदि व्यवस्था संभाल रहे हैं।
![maa Gayatri murti pran pratishtha mahotsav in pali](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/02/yag2.jpg)
यज्ञ पांडाल में प्रवेश के लिए पीला कुर्ता धोती अनिवार्य है। पंडित श्रीराम शर्मा द्वारा लिखित साहित्य विद्यार्थियों में काफी लोकप्रिय रहा। नशामुक्ति के लिए लगाई गई प्रदर्शनी भी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। समारोह स्थल पर फोटो एवं स्लोगन के माध्यम से नशे से होने वाले दुष्परिणामों को बताया गया है।
भावनात्मक स्लोगन पिता पु़त्र, पति पत्नी, मां बेटी, पिता पुत्री आदि के रिश्तों को रेखांकित करते हुए विचारों को व्यक्त किया गया है। इन संदेशों पर बरबस पढने को हर कोई रुक ही जाता है।