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फिल्म समीक्षा : 'मशीन', किसी काम की नहीं - Sabguru News
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फिल्म समीक्षा : ‘मशीन’, किसी काम की नहीं

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फिल्म समीक्षा : ‘मशीन’, किसी काम की नहीं
machine movie review : worst film of abbas mustan's career zero star
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मुंबईं खिलाड़ी से लेकर बादशाह, बाजीगर, एतराज और रेस तक अपनी फिल्मों में सस्पेंस और थ्रिलर के मसालों का भरपूर इस्तेमाल करने वाली निर्देशक जोड़ी अब्बास-मस्तान ने कामयाबी के शिखर को छुआ और उनकी नई फिल्म मशीन देखकर लगता है कि अब ये जोड़ी अपने ही मसालों को लेकर पूरी तरह से चूक गई है।

उनकी नई फिल्म ऐसी है, जिस तरह से जंग लगी मशीन किसी काम की नहीं रह जाती । इस फिल्म में अब्बास के बेटे मुस्तफा को बतौर हीरो लॉन्च किया गया है।

इसलिए फिल्म की कहानी को उनके एंगल से बनाया गया है, लेकिन हैरानी होती है कि क्या किसी न्यूकमर को लॉन्च करने के लिए इतनी लुलपुंज कहानी तैयार की जा सकती है, जो फिल्म को पूरी तरह से चौपट कर दे।

कहानी की बात करें, तो ये कहानी रंज (मुस्तफा) और सारा (कियारा आडवाणी) की लव स्टोरी है, जिसमें काफी उतार-चढ़ाव हैं। इस सस्पेंस स्टोरी में साजिश है, हत्या है, दौलत है और दौलत को पाने की ललक है, लेकिन सब कुछ बिखरा हुआ है।

आम तौर पर सस्पेंस-थ्रिलर फिल्में तेजी से शुरुआत करती हैं, ताकि दर्शक बंधे रहे, लेकिन ये कहानी इंटरवल तक काफी हद तक बिखर जाती है। इंटरवल के बाद उम्मीद जगती है कि अब कुछ होगा, लेकिन इंटरवल के बाद कहानी और इसकी रफ्तार और कमजोर होती चली जाती है। क्लाइमैक्स तो बकवास ही कहा जाएगा।

अब्बास-मस्तान की जोड़ी इस मुगालते में रही कि अच्छे सेट, विदेशी लोकेशन और हीरोइन का ग्लैमर इस फिल्म का भला कर देगा, जिसके चलते उन्होंने कहानी पर ध्यान देना जरुरी नहीं समझा। ये बतौर निर्देशक उनकी सबसे कमजोर और खराब फिल्म है।

जहां तक कलाकारों की बात करें, तो मुस्तफा उम्मीदों पर कहीं से भी खरे नहीं उतरते। उनके चेहरे पर हीरो जैसी कोई बात नहीं है। कियारा आडवाणी ग्लैमरस हैं और यही उनकी खूबी है। इससे ज्यादा उन्होंने कुछ नहीं किया।

एहसान शंकर, रोनित राय, दलीप ताहिल और यहां तक कि जॉनी लीवर की मौजूदगी भी फिल्म का कुछ भला नहीं कर पाती। गीत-संगीत के मामले में फिल्म कमजोर है।

फिल्म में मोहरा के तू चीज बड़ी है मस्त मस्त को रिमिक्स करने का गिमिक भी कहीं काम नहीं करता। एडीटिंग भी ढीली है। अगर कुछ अच्छा है, तो लोकेशन और सेट्स। कामयाबी के मामले में ये फिल्म जंग लगी मशीन की तरह खटारा साबित होगी।