सागर। मध्यप्रदेश के सागर जिले में गैंगरेप के बाद जिंदा जलाई गई आठवीं कक्षा की छात्रा (15) सात दिनों तक संघर्ष करने के बाद आखिरकार मौत के आगे हार गई। किशोरी को सात दिसंबर को दुष्कर्मियों ने साक्ष्य छुपाने के लिए जलाकर मारने की कोशिश की थी। उसका सागर के चिकित्सा महाविद्यालय के अस्पताल में इलाज चल रहा था। छात्रा की गुरुवार सुबह मौत हो गई।
भानगढ़ थाने के प्रभारी रवि भूषण पाठक ने कहा कि किशोरी की गुरुवार की सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई। किशोरी से दुराचार करने व आग लगाने वाले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
ज्ञात हो कि देवल गांव में सात दिसंबर की रात को किशोरी अपने घर पर अकेली थी, तभी दो युवक पहुंचे और उससे छेड़छाड़ करने लगे। आरोप है कि दुष्कर्म के बाद साक्ष्य मिटाने के लिए किशोरी पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी।
किशोरी की हालत गंभीर होने पर उसे उपचार के लिए सागर लाया गया था। बीते सात दिन से उसका उपचार चल रहा था। छात्रा की गुरुवार को मौत हो गई। राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने पीड़िता के परिजनों को दो लाख रुपए की मदद का ऐलान किया था।
किशोरी की मौत और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रेप के आरोपियों को मौत की सजा का विधेयक पारित किए जाने पर गुरुवार को रहे सम्मान समारोह पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने ट्वीट कर महिला सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने ट्वीट किया है कि मुख्यमंत्री जी का आज जब सम्मान होगा, उस समय सागर की उस बालिका की अंत्येष्टि होगी, जिसे दुष्कर्म करने के बाद दरिंदों ने जिंदा जला दिया था।
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के पिछले दिनों जारी हुए आंकड़ों ने भी इस बात का खुलासा किया है कि महिला दुष्कर्म के मामले में मध्यप्रदेश पूरे देश में अव्वल है।
राज्य सरकार ने दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी तक की सजा के प्रावधान का विधेयक विधानसभा में पारित कर दिया है और राष्ट्रपति को भेजा जा रहा है। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कई सदस्यों ने आशंका जताई थी कि अब आरोपी साक्ष्य को भी मिटाने का प्रयास करेंगे अर्थात पीड़िता को ही मार डालेंगे। सागर की घटना भी यही कुछ कहती है।