भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है और कांग्रेस द्वारा जनहित के नाम पर सदन में बेवजह के मुद्दे उठाकर कार्रवाई को बाधित किया जा रहा है। इसी प्रकार का एक मुद्दा कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने उठाया, जिसके कारण सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
दरअसल, सीएम हाउस में सर्वधर्म समभाव की परंपरा का निर्वहन सभी धर्मों के त्यौहारों-पर्वों पर किया जाता है। सिख धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार गुरुनानकदेव का जन्म दिवस प्रकाश पर्व भी मुख्यमंत्री आवास पर मनाया गया।
इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस आयोजन में हाथ में तलवार लेकर सिख धर्म की परंपरा का पालन किया। मुख्यमंत्री की हाथ में तलवार वाली फोटो विभिन्न अखबारों में प्रकाशित हुई।
कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री के उसी फोटो वाले अखबारों की प्रति सदन में लहराते हुए सरकार को घेरने का प्रयास किया।
इस दौरान कांग्रेसियों द्वारा सदन में भारी हंगामा भी किया गया। सदन में शोर-गुल को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरन शर्मा ने सदन की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
आरिफ अकील ने शून्यकाल में इस मुद्दे को तूल देने का प्रयास करते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। अकील के सवाल पर विश्वास सारंग सहित भाजपा के अन्य विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया।
इसी शोर-शराबे के बीच आरिफ अकील अपने साथी विधायकों अजय सिंह, रामनिवास रावत, बाला बच्चन के साथ गर्भ गृह तक जा पहुंचे। हंगामा के बाद सदन स्थगित हो गया और फिर दोबारा सदन शुरू हुआ, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने तर्क सदन में रखे।
उन्होंने कहा कि वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और सीएम हाउस में सभी धर्मों के पर्व-त्यौहार सर्वधर्म समभाव की परंपरा का निर्वहन करते हुए मनाया जाते हैं। उन्होंने इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए प्रकाश पर्व भी मनाया और सिखों की परंपरा के मुताबिक तलवार हाथ में लेकर उनकी भावनाओं का सम्मान किया।
इसमें आखिर गलत क्या है? मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि वे ईद पर सभी मुस्लिम भाइयों से गले मिलते हैं, जब वह गलत नहीं, तो प्रकाश पर्व पर तलवार हाथ में लेना कैसे गलत हो गया? आरिफ अकील इस सवाल का कोई जवाब नहीं दे पाए।
इसके बाद कांग्रेस ने बिजली के मुद्दे पर सदन में हंगामा किया। कांगे्रस का मुख्य ध्येय केवल सदन को बाधित करना है। इसीलिए बेवजह के मुद्दे सदन में उठाए जा रहे हैं और वह जनता के हितों के नाम पर। कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए ठोस मुद्दे उठाए, ताकि सरकार को घेरकर आम लोगों की भलाई हो सके।