राघौगढ़/गुना। साड़ा कॉलोनी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक प्रसूता और उसके परिजनों ने बच्चा बदले जाने का आरोप लगाया है। प्रसूता महिला और परिजनों का कहना है कि प्रसूता को लडक़ा पैदा हुआ था, किन्तु उन्हे लडक़ी थमाई गई है। आरोप के मुताबिक बच्चे को तौलने के दौरान बदला गया है।
पिछले दो रोज से यहां इस आरोप को लेकर हंगामा मचा हुआ है। अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर पुलिस प्रशासन भी मौके पर पहुँचा और बाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने भी मौके पर पहुँचकर प्रसूता और परिजनों के बयान दर्ज किए, साथ ही अस्पताल प्रबंधन से भी चर्चा की।
दो दिन में मामला नहीं सुलझ पाने के पश्चात अब मामले में डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया गया है। डीएनए टेस्ट के बाद ही खुलासा होगा कि प्रसूता के पास जो लडक़ी है, वह उसकी है या नहीं?
1 नवंबर को हुई थी भर्ती, 2 को हुआ प्रसव
बताया जाता है कि राधौगढ की प्रसुता मंजू बाई पति गोपाल प्रजापति की को गत 1 नवंबर को सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। जहां 2 नवंबर को दोपहर उन्होने शिशु को जन्म दिया। दिन भर तो सब ठीक चला, किन्तु दिक्कत तब खड़ी हुई, जब अचानक रात में परिजनों ने यह कहते हुए अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया कि प्रसूता को लडक़ा पैदा हुआ था, किन्तु उन्हे लडक़ी थमाई गई है। इसको लेकर उन्होने बच्चा बदलने का आरोप अस्पताल प्रबंधन पर लगाया। सूचना पर बीएमओ डॉ. जलालउद्दीन मौके पर पहुंचे और परिजनों से चर्चा की।
7 महिलाओं ने लडक़ी और 4 ने जन्मे लडक़े
परिजनों के आरोप के बाद अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन के बीच खलबली मची रही। अब तक की गई मामले की जांच में सामने आया है कि जिस समय प्रसूता मंजू बाई का प्रसव हुआ था, उस समय उसी वार्ड मे दो अन्य महिलाओं का भी प्रसव हुआ था। इस दौरान करीब 12 घंटे के अंतराल में 12 और प्रसव हुए थे, जिसमे 7 महिलाओं ने लडक़ी और 4 प्रसूताओं ने लडक़े को जन्म दिया था।
छुट्टी दी गईं प्रसूता को भी बुलाकर की गई जांच
इस मामले मे जांच पडताल को लेकर पिछले दो दिन से अस्पताल स्टाफ सहित अन्य प्रसूता महिलाएं भी परेशान हो रहीं हैं। जिन प्रसूताओं को प्रसव के बाद अस्पताल से छुटटी दे दी गई थी, उन्हें भी अस्पताल में बुलाया गया। साथ ही उनसे पूछताछ कर परिजनों से चर्चा की गई। बताया जाता है कि मंजू बाई की पहले से ही एक बेटी है।