भोपाल। मध्य प्रदेश विधनसभा में आज प्रदेश का आम बजट पेश किया जा रहा हैं। अपना बजट भाषण प्रारंभ करते हुए वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि प्रदेश में निजी निवेशकों को अपेक्षा मुताबिक लाभ नहीं मिला। दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था का असर प्रदेश पर पड़ा।
बजट में अधो संरचना विकास पर ज्यादा जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मानव संसाधन बढ़ाने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश की जरूरत है। अधोसंरना विकास के लिए निवेश जरूरी हैं क्योंकि निवेश से विकास की गति में तेजी आएगी। वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य पर ऋण भार लगभग आधा रहा गया है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2005-06 से 2015-16 तक 49,779 करोड़ रूपए का ऋण लिया हैं।
प्रदेश सरकार इस वर्ष 1 लाख 58 हजार 513 करोड़ का बजट पेश कर रही हैं। वही प्रदेश सरकार को 1 लाख 58 हजार 594 करोड़ का कुल अनुमानित राजस्व प्राप्त हुआ हैं। कृषि और शिक्षा क्षेत्र के लिए इस वर्ष सरकार ने 4,448 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा हैं।
भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि प्याज उत्पादन में प्रदेश के किसानों का रूझान बढ़ा हैं जिससे प्याज उत्पादन के मामले में मध्य प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर आ गया हैं जबकि दुग्ध उत्पादन के मामले में प्रदेश का स्थान देश में चौथे नंबर हैं।
दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश में कामधेनू सेंटर की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा होशंगाबाद में कृषि महाविद्यालय की स्थापना होगी। वित्त मंत्री जयंत मलैया ने आगे बताया कि मंडीयों को ई-सेवा से जाड़ा जाएगा।
राष्ट्रीय कृषि मंडी में प्रदेश की 50 मंडियां शामिल होगी जिससे राष्ट्रीय कृषि मंडी के आधारा पर किसानों को फायदा मिलेगा। जैविक कृषि के विकास के लिए भी नए कदम उठाए जाएंगे। वित्त मंत्री ने बजट में कृषि वानिकी फसलों के लिए दी जाने वाली राशि बढ़ाने की घोषणा की हैं।
वित्तमंत्री ने कहा कि मौसम की मार से दलहन की फसल प्रभावित हुई है। प्रदेश में राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण किया गया है। किसानों को नि:शुल्क तकनीकी सहायता और मृदा कार्ड दिए जाएंगे। कस्टम हायरिंग सेंटर को भी बढ़ावा दिया जाएगा। कृषि शिक्षा अनुसंधान के लिए 2448 करोड़ की राशि दी जाएगी।
दस हजार से अधिक किसानों को 700 करोड़ की सहायता दी जाएगी। किसानों को बीमा राशि का भी भुगतान किया जाएगा। फसल नुकसान के चार हजार से अधिक दावे आए हैं। रबी की फसलों को भी बीमा योजना का लाभ मिलेगा। फसल नुकसान का 50 प्रतिशत तुरंत दिया जाएगा। इसके साथ ही मंडियों को कम्प्यूटराइज्ड किया जाएगा। हार्टिकल्चर क्षेत्र में किसानों को आर्थिक मदद बढ़ेगी। पशुपालकों को कर्ज देने की प्रक्रिया आसान बनाई जाएगी।
बजट में नई 18 सिंचाई योजना को प्रस्तावित किया गया है। पिछले एक साल में 57 सिंचाई योजना शुरू की गई हैं। 51 जिलों में प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत काम हो रहा हैं। मालवा क्षेत्र में नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना से मालवा क्षेत्र में सिंचाई क्षेत्र बढ़ा है। इसके साथ ही नर्मदा गंभीर लिंक परियोजना का काम भी शुरू हो चुका है।
जिससे मालवा में सिंचाई क्षेत्र और बढ़ेगा। जोबट सिंचाई योजना का काम प्रस्तावित है। वहीं केन-बेतवा लिंक परियोजना की अनुशंसा की गई। सिंचाई सुविधा के विस्तार से कृषि को लाभ होगा। मत्स्य पालन के लिए 39 करोड़ का प्रावधान किया गया हैं। पशुपालन बढ़ाने के लिए नवीन चारा उत्पादन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।