भोपाल। मध्यप्रदेश में भीषण सर्दी का दौर जारी है। तापमान में लगातार गिरावट आ रही है, जिसके चलते सर्दी का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है।
राजधानी भोपाल में जहां न्यूनतम तापमान 5 डिग्री के आसपास बना हुआ है, वहीं अमरकंटक में पारा शून्य पर पहुंच गया है। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, समेत राज्य के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान 3 से 4 डिग्री के बीच बना हुआ है।
दिन में सूर्य के तेवर भी तीखे हैं, लेकिन तेज धूप भी लोगों को ठंड से रहात नहीं दिला पा रही है। मौसम जानकारों के अनुसार सर्दी का यह सितम लगातार जारी रहेगा, क्योंकि उत्तर भारत की ओर से आ रही बर्फीली हवाओं ने लोगों दिन में भी ठिठुरने को मजबूर कर दिया है, रात में तो रजाई या अलाव का सहारा लेना पड़ता है।
भीषण ठंड से प्रदेश में आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों ने घरों रात में बाहर निकलना कम कर दिया है, वहीं दिन में गर्म पकड़ों में लदे हुए नजर आते हैं। लगातार गिरते पारे ने लोगों को चिंतत करके रख दिया है। तेज धूप के कारण लोग दिन में बाहर निकलकर धूप सेकते नजर आते हैं, लेकिन शाम ढलते ही फिर से कड़ाकें की सर्दी ने लोगों पर कहर बरपाने लगती है।
लगातार कम होती पारे की चल से सबसे ज्यादा परेशानी मवेशियों, जंगली जानवरों एपं पक्षियों को हो रही है। सर्दी के कहर से पक्षियों के मारे जाने की सूचना मिल रही है। इतना ही नहीं ग्रामीण अंचलों में पालकों ने बताया कि सबसे ज्यादा कष्ट मवेशियों को हो रहा है, जिन्हे सर्दी से बचाने के उपाए किये जा रहे हैं, लेकिन फिर भी वह काल कवलित हो रहे हैं।
राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में दिन-प्रतिदिन सर्दी बढ़ती ही जा रही है। आमतौर पर सामान्य तापमान वाले जिलों में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। कड़ाके की ठंड के चलते शहर सहित ग्रामीण अंचलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
सुबह-शाम कोहरे और शीत लहर भी चल रही है। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर प्रदेश से जुड़े मध्य प्रदेश के जिलों मेें तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है।
रीवा जिले में न्यूनतम तापमान 3 से 4 डिग्री के बीच टिका हुआ है और अधिकतम 22.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। जो दिसंबर के पच्चीस दिनों में दूसरी बार सबसे कम है।
मौसम के जानकारों का कहना है इसकी मुख्य वजह उत्तर-पूर्व की हवाएं हैं। हिमालय की बर्फवारी के साथ 16-18 किमी. की रफ्तार से चल रहीं हवाएं अपने साथ ठंड ला रही हैं। जिससे शीतलहर के साथ पाले की स्थिति बनी है।
मौमस विभाग की माने तो आकाश साफ होने के साथ पारे में और गिरावट देखी जाएगी। शहरों में जहां नगरीय निकायों द्वारा अलाव जलाकर लोगों को राहत दी जा रही है, वहीं गांवों में लोग स्वयं आग की व्यवस्था कर ठंड से बचने के उपाय कर रहे हैं। भीषण सर्दी के हिसाब से अलावा कई स्थानों पर और अलाव जलाने की लोगों ने मांग की जा रही है, जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशानियों नहीं हो।