भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने मकान या दुकान खरीद आदि की रजिस्ट्री में गलत जानकारी देने वालों के लिए सजा का प्रावधान कर दिया है। रजिस्ट्री में गलत जानकारी देने पर जेल जाना पड सकता है। गत दिनों पारित किए गए रजिस्ट्रीकरण (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक 2014 में इसी तरह के प्रावधान किए गए हैं।
इस विधेयक के अनुसार यदि किसी ने मकान को खाली प्लॉट या खेत बताकर रजिस्ट्री कराना, रजिस्ट्री में भूमि या भवन का रकबा गलत दर्शाना या स्टॉम्प शुल्क कम चुकाने जैसी कोई भी गलती बेचान करने वाले या खरीदने वाले ने की तो इसका खामियाजा भुगतना पडेगा। पकड में आने पर इन गलतियों के लिए जेल जाने के अलावा भारी जुर्माना भी चुकाना पड सकता है। जांच में गलत जानकारी सामने आने पर सात साल की सजा या जुर्माने का प्रावधान है। इतना ही नहीं, ऐसा करने की सलाह देने वाले लोग भी इस सजा के भागीदार होंगे। अधिनियम की धारा-82 में संशोधन करके यह स्पष्ट कर दिया गया है।
अधिनियम की धारा-21 में हुए संशोधन के तहत रजिस्ट्री के लिए जो दस्तावेज पेश किए जाएंगे, उसमें फोटों या मानचित्र लगाना अनिवार्य होगा। यदि किसी संपत्ति की रजिस्ट्री में फोटो या मानचित्र नहीं होगा, ऐसी स्थिति में उपपंजीयक उसे लेने से इनकार कर सकता है। ऐसे में किसी भी भूमि या मकान की रजिस्ट्री करवाते समय उसके दस्तावेजों के साथ उसका फोटो या मानचित्र लगाना अनिवार्य होगा। इससे पता चल सके कि जिसकी रजिस्ट्री हो रही है, वह भूमि है या वहां भवन बना है। धारा-21 में पहले फोटो या मानचित्र लगाने की बाध्यता नहीं थी।