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मध्यप्रदेश : नर्मदा किनारे रोपे गए 6 करोड़ से ज्यादा पौधे - Sabguru News
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मध्यप्रदेश : नर्मदा किनारे रोपे गए 6 करोड़ से ज्यादा पौधे

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मध्यप्रदेश : नर्मदा किनारे रोपे गए 6 करोड़ से ज्यादा पौधे
Madhya Pradesh govt eyes Guinness World Record by planting six crore saplings along Narmada
Madhya Pradesh govt eyes Guinness World Record by planting six crore saplings along Narmada
Madhya Pradesh govt eyes Guinness World Record by planting six crore saplings along Narmada

भोपाल। मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी के बेसिन में रविवार को छह करोड़ से ज्यादा पौधे रोपकर ‘इतिहास रचने’ का अभियान चला, जिसमें लगभग हर वर्ग की हिस्सेदारी रही। इतिहास रचा गया या नहीं, यह तो बाद में पता चलेगा, मगर नर्मदा नदी के प्रवाहमान और पवित्र होने की आस हर किसी के मन में रही।

अभियान की शुरुआत सुबह के समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह के साथ नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक में पौधा रोपकर की। यह अभियान नर्मदा नदी को प्रवाहमान बनाने के लिए चलाया जा रहा है। वहीं एक दिन में छह करोड़ से ज्यादा पौधे रोपकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाने की भी कोशिश हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब सार्वजनिक कार्यक्रमों की शुरुआत पौधा-रोपण एवं कन्या-पूजन से होगी। पूरा प्रदेश आज मां नर्मदा नदी को हरियाली चुनरी ओढ़ाने की प्रतिबद्धता पूरी कर रहा है। प्रदेशवासी मां नर्मदा की पूजा-अर्चना कर स्व-प्रेरणा से पौधा-रोपण कर रहे हैं।

पूरे प्रदेश में उत्साह का वातावरण है। बूढ़े, बच्चे, महिलाएं, युवा, विद्यार्थी, किसान, समाजसेवी, सभी मिलकर पौधा-रोपण कर रहे हैं। यह विश्व में जन-सहभागिता तथा नदी संरक्षण का अद्वितीय उदाहरण है।

मुख्यमंत्री चौहान ने वृक्ष को मानव जीवन का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि वृक्ष हमें प्राण-वायु प्रदान करते हैं। धरती के तापमान को नियंत्रित करते हैं। इसलिए प्रदेश के हर व्यक्ति को कम से कम एक पौधा-रोपण कर उसकी सुरक्षा की जिम्मेवारी लेनी होगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने सीहोर जिले के ग्राम छीपानेर में भी पौधा रोपा और कहा कि वृक्षारोपण कर हम नर्मदा की सेवा तो कर ही रहे हैं, साथ ही पृथ्वी पर जन-जीवन की रक्षा के लिए भी अपना योगदान दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री के अलावा राज्य सरकार के मंत्रियों ने अलग-अलग स्थानों पर जाकर पौधे रोपे। वहीं इस अभियान में सभी आयु वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया। नर्मदा बेसिन के 24 जिलों के लोगों में पौधरोपण को लेकर उत्साह था और वे नर्मदा नदी की तस्वीर बदलने की ही बात मन में लिए रहे।

मुख्यमंत्री चौहान ने नर्मदा नदी को प्रवाहमान व प्रदूषण मुक्त करने के प्रति जनजागृति लाने के मकसद से हाल ही में ‘नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा’ निकाली थी। 148 दिन की इस सेवा यात्रा के दौरान चौहान ने पौधरोपण पर विशेष बल दिया था। उसी के तहत रविवार को पौधे रोपे गए। चौहान का कहना है कि नर्मदा किसी ग्लेशियर से नहीं, बल्कि पेड़ों की जड़ों से रिसने वाले पानी से प्रवाहमान होती है।

आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश में रविवार को एक दिन में एक साथ छह करोड़ 67 लाख 50 हजार पौधे रोपे जाने का अभियान चलाया गया। पौधरोपण के लिए नर्मदा कछार के 24 जिलों को चिह्नंकित किया गया। लगभग दो दर्जन से ज्यादा किस्म के पौधे लगाए।

इनमें फलदार और छायादार किस्मों में आम, आंवला, नीम, पीपल, बरगद, महुआ, जामुन, खमेर, शीशम, कदम, बेल, अर्जुन, बबूल, बांस, इमली, गूलर, खेर तथा कृषि वानिकी के तहत अमरूद, संतरा, नींबू, कटहल, सीताफल, अनार, अचार, चीकू, बेर, मुनगा आदि के पौधों का रोपण किया गया।

एक दिवसीय पौधरोपण के आए छह करोड़ पौधों में से तीन करोड़ पौधे वन विभाग द्वारा तथा शेष तीन करोड़ पौधों की अन्य विभाग जैसे ग्रामीण विकास, कृषि, उद्यानिकी, जन-अभियान परिषद, नगरीय प्रशासन, स्कूल शिक्षा विभाग आदि द्वारा व्यवस्था की गई।

वानिकी प्रजाति के आवश्यक पौधों की व्यवस्था वन विभाग एवं निजी रोपणियों से की गई। फलदार प्रजाति के पौधों की व्यवस्था प्रदेश की शासकीय, निजी रोपणियों एवं आवश्यकता के अनुसार अन्य राज्यों से की गई है।