भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश तृतीय श्रेणी (अलिपिकीय ) वन सेवा भर्ती नियम को एक बार के लिए शिथिल करते हुए वन क्षेत्रपाल के सीधी भर्ती के रिक्त पदों में से 200 पद को पदोन्नति से भरने का निर्णय लिया गया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार मंत्रि-परिषद ने विधि और विधायी कार्य विभाग और अधीनस्थ कार्यालयों के लिए 29 अस्थाई पद को 1 मार्च 2015 से 28 फरवरी 2020 तक प्रवर्तित किए जाने का निर्णय लिया। यह निर्णय विभाग के महत्वपूर्ण एवं तकनीकी स्वरूप के कार्य को देखते हुए लिया गया।
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के पांच जिलों में नवीन एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाएं शुरू करने के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) राज्य शासन की अनुशंसा सहित स्वीकृति के लिए एनसीडीसी नई दिल्ली को भेजने का निर्णय लिया।
मंडला जिले के लिए डीपीआर अनुसार परियोजना लागत 34 करोड़ 60 लाख 66 हजार, मुरैना के लिए 36 करोड़ 98 लाख 56 हजार, पन्ना के लिए 33 करोड़ 48 लाख 85 हजार, सतना के लिए 29 करोड़ 36 लाख 64 हजार और श्योपुर के लिए 34 करोड़ 88 लाख 97 हजार रुपए निर्धारित की गई है।
पूर्व में सहकारिता विभाग द्वारा ग्वालियर एवं छतरपुर जिले में एकीकृत सहकारी विकास परियोजना शुरू करने संबंधी कार्यवाही का अनुमोदन भी मंत्रि-परिषद ने किया।
मंत्रि-परिषद ने राज्य सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग में वीणा तैलंग को सदस्य सचिव के उच्च रिक्त पद के विरुद्ध उप सचिव के निम्न पद पर एक वर्ष के लिए दी गई संविदा नियुक्ति के कार्यकाल में एक वर्ष की वृद्धि भी करने का निर्णय लिया। यह वृद्धि 28 जनवरी 2015 से 27 जनवरी 2016 तक के लिए स्वीकृत की गई है।