ग्वालियर। मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य को उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ से बुधवार को बड़ी राहत मिल गई।
भिंड न्यायालय द्वारा आर्य को कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव की हत्या के मामले में आरोपी बनाए जाने के आदेश को न्यायाधीश शील नागू ने खारिज कर दिया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजेश शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा कि भिंड न्यायालय में कमजोर साक्ष्यों के आधार पर आर्य को आरोपी बना दिया गया।
इसके साथ ही आर्य को नोटिस तक जारी नहीं किया गया। इसी आधार पर न्यायाधीश शील नागू ने भिंड न्यायालय के आदेश को खारिज कर दिया है।
आर्य ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था व ईश्वर पर भरोसा है। उनका जाटव हत्याकांड से कोई लेना-देना नहीं है, मगर उन्हें राजनीतिक विद्वेष के चलते हत्याकांड में उलझाने की कुछ लोगों द्वारा साजिश रची गई।
ज्ञात हो कि 13 अप्रेल, 2013 को गोहद से निर्वाचित कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में जाटव के साथियों द्वारा आर्य पर हत्या करने वालों में शामिल होने का आरोप लगाया, मगर पुलिस ने आर्य को आरोपी नहीं बनाया।
इस पर जाटव के परिजनों ने आर्य को आरोपी बनाने भिंड के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता की अदालत में आवेदन दिया, इस पर 19 मई को न्यायाधीश ने आर्य को आरोपी बनाते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया था।
भिंड की अदालत के फैसले के खिलाफ आर्य की ओर से उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ में याचिका दायर की गई। इस पर मंगलवार को सुनवाई हुई और फैसला बुधवार को आया।