भोपाल। मध्यप्रदेश के शासकीय अस्पतालों की लगभग 20 हजार नर्सें मंगलवार सुबह से हड़ताल पर चले जाने से पूरे प्रदेश में सरकारी चिकित्सालयों की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो गई हैं।
अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजन इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं और निजी अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हैं।
जानकारी के अनुसार अकेले राजधानी के हमीदिया और जेपी समेत सभी सरकारी अस्पतालों की नर्सें अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल पर बैठ गई हैं। नर्सों की मांग है कि उनकी सात सूत्री मांगें पूरी की जाएं।
हड़तालियों ने राज्य सरकार को चेतवानी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को इस बार नहीं मानी तो वह आगामी नो नवम्बर से प्रदेश स्तर पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगी।
नर्सेस एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा परमार ने बताया पिछले कई वर्षों से प्रदेश सरकार द्वारा नर्सों की सात सूत्री मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
उनका कहना है कि करीब चार माह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सार्वजनिक तौर पर प्रदेश से आई सभी नर्सेस एसोसिएशन के पदाधिकारियों के सामने सात सूत्रीय मांगों में से छह मांगों को अगले दो माह में पूरा करने का आश्वासन दिया था किन्तु प्रशासन ने अभी तक हमारी मांगों पर कोई विचार नहीं किया है।
मांगों को पूरा करने का सिर्फ आश्वासन देते हैं लेकिन मांगों का क्रियान्वयन नहीं किया जाता।