शिवपुरी। शिवपुरी के पटेल नगर में चलाए जाने वाले बालगृह में बच्चियों के यौन शोषण और उनके साथ छेडख़ानी का मामला सामने आया है। इसका खुलासा बच्चियों की काउंसिलिंग के दौरान हुआ।
रिपोर्ट के बाद पुलिस ने बाल गृह संचालिका शैला अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया। यह बालगृह जिला महिला सशक्तिकरण विभाग द्वारा एनजीओ शंकुतला परमार्थ समिति के माध्यम से चलाया जा रहा था।
इस एनजीओ की कर्ताधर्ता संचालिका शैला अग्रवाल और उसके पिता हैं। महिला सशक्तिकरण विभाग की रिपोर्ट पर बाल गृह संचालिका और उसके पिता रिटायर प्रोफेसर केएन अग्रवाल पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
बुधवार रात संचालिका को गिरफ्तार करने के बाद उसके पिता की तलाश की जा रही थी। बालगृह में चल रही अवैध गतिविधियों का खुलासा यहां रहने वाली बच्चियों ने चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समिति के सदस्यों से किया।
काउंसिलिंग में यह बात सामने आई कि बालगृह में संचालिका के पिता केएन अग्रवाल (75) रहता है और वह बच्चियों का यौन शोषण करता है। काउंसिलिंग में शिकायत सामने आने के बाद सीडब्ल्यूसी ने एक पत्र कलेक्टर को लिखा और कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने महिला सशक्तिकरण विभाग के संयुक्त संचालक से इसकी जांच कराई।
बच्चियों की दोबार काउंसिलिंग कराई गई, जिसमें बच्चियों ने फिर अपने आरोप दोहराए। पूछताछ में लड़कियों ने आरोप लगाया कि शैला अग्रवाल के पिता ने उनके साथ छेड़छाड़ और रेप भी किया है।
इस खुलासे के बाद कलेक्टर के समक्ष भी बच्चियों को ले जाया गया और यहां भी पीडि़त बच्चियों ने रेप की बात कही। इसके बाद यह मुकदमा दर्ज किया गया। बालगृह में 23 बच्चियां रहती हैं।
बाल संरक्षण अधिकारी महिला सशक्तिकरण सरिता शुक्ला द्वारा प्रति सप्ताह बालगृह का निरीक्षण किया जाता है। एक निरीक्षण के दौरान बालगृह में हो रही गतिविधियों पर संदेह हुआ। बच्चियों ने बताया कि उनके साथ मारपीट भी की जाती थी और धमकाया जाता था।
यह बालगृह पूर्व से भी विवादों में हैं। दो बार यहां रहने वाली बच्चियों भाग चुकी हैंं। करीब एक माह पूर्व बालगृह से दो बालिकाएं भाग गई थीं। सूत्रों की मानें तो बालिकाओं द्वारा विभाग के अधिकारियों को बताया गया कि बालगृह में गलत काम होता है और हमारे साथ कोई गलत कार्य न हो इसलिए हम यहां से भाग गई थीं।
उक्त मामले की आने बाद से विभाग द्वारा बालगृह की गतिविधियों पर नजर रखना शुरू कर दिया गया था। ताजा आरोपों के बाद बालगृह में रहने वाली बालिकाओं को रात्रि में ही कमलागंज में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास में शिफ्ट करा दिया गया।