ब्यावरा। प्रथम जिला सत्र न्यायाधीश समरोज खान के न्यायालय में सामूहिक बलात्कार के तीन आरोपियों को डीएनए टेस्ट के आधार पर 20-20 साल का सश्रम कारावास और पांच-पांच हजार के अर्थदंड से दंडित किया गया।
जबकि प्रकरण में शामिल चार अन्य आरोपियों को दोषमुक्त किया है। मामले में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक ओपी शर्मा एवं अतिरिक्त लोक अभियोजन अधिकारी देवेन्द्रसिंह मीणा ने की।
जानकारी के अनुसार 2 मई 2013 को ग्राम बखतपुरा में रेल्वे पुलिया के समीप एक नाबालिग के साथ 7 लोगों ने सामुहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद देहात थाना में सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 376 घ के तहत प्रकरण पंजीबद्व किया गया था।
न्यायालय में बलात्कार में शामिल आरोपी रामबाबू पिता देवीराम कुशवाह,बल्ला पिता डालचंद कुशवाह,मुकेश पिता शिवलाल कुशवाह सर्व निवासी बखतपुरा को 20-20 साल का कारावास और पांच-पांच हजार के अर्थदंड से दंडित किया है, जबकि मामले में शामिल अन्य 4 आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया है।
मामले में खास बात यह है कि पीड़ित नाबालिग ने आरोपियों के खिलाफ दिया गया बयान बदल दिया था और आरोपियों को पहचानने से मना कर दिया था। लेकिन घटना के बाद डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने उक्त फैसला सुनाया। न्यायालय में फैसला सुनने के बाद एक आरोपी बेहोश होकर गिर पड़ा था जिसे सिविल अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया।