चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसके तहत सरकार ने मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में तमिलनाडु राज्य बोर्ड के छात्रों को 85 प्रतिशत आरक्षण देने का आदेश दिया था।
इस निर्णय पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर ने संवाददताओं से कहा कि सरकार एकल न्यायाधीश के इस आदेश के खिलाफ अपील करेगी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु अभी भी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के खिलाफ दृढ़ है।
पिछले माह राज्य सरकार ने नीट परीक्षा पास करने वाले तमिलनाडु राज्य बोर्ड के छात्रों को अंडर-ग्रेजुएट मेडिकल/ डेंटल सीटों में 85 प्रतिशत आरक्षण देने का आदेश दिया था, जिसके बाद अन्य बोडरें के छात्रों के लिए केवल 15 प्रतिशत सीटें बचीं।
राज्य सरकार के इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। अदालत ने आरक्षण के इस आदेश को भेदभावपूर्ण व भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के खिलाफ करार दिया। अदालत ने एक नई योग्यता सूची तैयार करने और उसके अनुसार काउंसिलिंग करने का आदेश दिया है।