नई दिल्ली। नेस्ले इंडिया के मुख्य खाद्य उत्पाद मैगी में मानक मात्रा से ज्यादा लेड पाए जाने से पैदा हुआ विवाद गहराता जा रहा है। दिल्ली में मैगी के नमूनों की हुई जांच में इसमें अधिक मात्रा में हानिकारक रासायन पाए जाने की पुष्टि हुई है।
उधर, केरल सरकार ने मैगी पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं बिहार में मुजफ्फरपुर जिले की एक अदालत ने मैगी के ब्रांड एम्बेसडर अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित, प्रीति जिंटा के अलावा नेस्ले के प्रबंधक मोहन गुप्ता और कंपनी के मालिक पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है।
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को कहा कि खाद्य सुरक्षा विभाग ने मैगी के नमूनों की जांच की है और नमूनों में हानिकारक पदार्थ होने की बात सामने आई है। दिल्ली सरकार ने अंतिम रिपोर्ट आने के बाद कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि हानिकारक उत्पाद बेचने के लिए कंपनी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया जाएगा तथा भ्रामक प्रचार के लिए जुर्माना लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से ईमेल मिलने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग, स्वास्थ्य मंत्रालय तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से मैगी के नमूने एकत्रित करने के निर्देश दिए गए थे।
प्रवक्ता ने बताया कि गत सप्ताह मैगी के 13 नमूने लिए गए और उन्हें जांच के लिए भेजा गया परीक्षण में पाया गया कि मैगी के साथ दिए जाने वाले मसाले के दस नमूनों में मानक मात्रा से ज्यादा लेड पाया गया जोकि खतरनाक है। लेड के इस्तेमाल की अधिकतम सीमा 2.5 पीपीएम है।
उन्होंने बताया कि मसाले के पांच नमूनों में मोनोसोडियम ग्लूटामेट भी पाया गया जबकि इसरा जिक्र मैगी के पैकेट में नहीं किया गया था। यह भ्रामक प्रचार की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हानिकारक उत्पाद की बिक्री के खिलाफ मामला दर्ज करने और उत्पाद के भ्रामक प्रचार के लिए कंपनी पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है।
दिल्ली सरकार नेस्ले के अधिकारियों को समन भी भेजेगी। जांच एवं परीक्षण की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है और इसके मिलने के बाद सरकार ने कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
मैगी के नमूनों की देशभर में चल रही जांच के बीच केरल ने मंगलवार को सरकारी दुकानों पर मैगी की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। केरल के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अनूप जैकब ने राज्य में मैगी की बिक्री को अस्थायी रूप से बंद करने के निर्देश दिए हैं।
नागरिक आपूर्ति विभाग ने कहा कि मैगी में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रसायन की मौजूदगी की रिपोर्टों के मद्देनजर यह प्रतिबंध लगाया गया है। जब तक मैगी की गुणवत्ता की पुष्टि नहीं हो जाती तब तक उस पर प्रतिबंध रहेगा और जो उत्पाद बिके नहीं है उन्हें कंपनी को लौटा दिया जाएगा।
वहीं मैगी का विज्ञापन करने वाले सितारें भी मुश्किल में फंस गए है। बिहार में मुजफ्फरपुर जिले की एक अदालत ने इस मामले में मंगलवार को मेगास्टार अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित, प्रीति जिंटा के अलावा नेस्ले के प्रबंधक मोहन गुप्ता और कंपनी के मालिक पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है।
मुजफ्फरपुर जिला अदालत में सोमवार को न्यायालय में दायर परिवार पत्र पर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मंगलवार को यहां सुनवाई की। अदालत ने सुनवाई के बाद जिले के काजीमोहमदपुर थाना को मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इससे पहले सोमवार को अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित और प्रीति जिंटा समेत पांच लोगों पर परिवाद पत्र दायर किया था। अधिवक्ता ने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में मिले मैगी के नमूने में जहरीले रसायन मिलने पर यह मामला दर्ज कराया।
ओझा ने कहा कि उन्होंने कई चैनलों एवं समाचार पत्रों के माध्यमों से मैगी का प्रचार देखा और सुना है जिसमें इसे स्वास्थ्यवद्र्धक बताया गया। उन्होंने कहा कि मामले के सभी आरोपियों ने जानबूझ कर अपने उत्पाद को बेचने तथा पैसा कमाने के उद्देश्य से उसका गलत प्रचार-प्रसार करके लोगों के साथ धोखाधड़ी की है।
परिवादी ने कहा कि उन्होंने भी 30 मई को जिले के लेनिन चौक के निकट मैगी खरीदी और परिवार के अन्य लोगों के साथ उसे खाया जिससे उनकी तबीयत खराब हो गई। हरियाणा सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मैगी की गुणवत्ता की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को निर्देश जारी किए हैं।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग से तत्काल राज्य के सभी जिलों से मैगी के नमूने लेकर उसकी जांच कराने को कहा गया है। हालांकि बांग्लादेश में मैगी को क्लीन चिट मिल गई है। बांग्लादेश के खाद्य प्राधिकरण ने नूडल्स के पांच ब्रांडों में कोई भी तत्व खतरे की सीमा से ज्यादा नहीं पाया है। इन पांच ब्रांडों में नेस्ले का मैगी भी शामिल है।
इस बीच मैगी इंडिया ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट््िवटर पर कहा कि हम समझते है कि उपभोक्ता मैगी मसाला नूडल्स के नमूनों में मानक मात्रा से ज्यादा लेड पाए जाने की रिपोर्टों से ङ्क्षचतित है। ये नमूने नवंबर 2014 की एक्सपायरी तिथि वाले थे और अब ये बाजार में नहीं हैं। हम जांच करने वाले प्राधिकरणों को पूरा सहयोग दे रहे हैं और उनके नतीजों का इंतजार कर रहे है। मैगी पर विवाद तब पैदा हुआ जब उत्तर प्रदेश के खाद्य निरीक्षक ने मैगी में मानक मात्रा से आठ गुना ज्यादा लेड पाए जाने पर इसके लेबोरेटरी टेस्ट के आदेश दिए थे।