लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शनिवार को आए भूकम्प के दो झटकों से पूरा सूबा सहम गया है। कई सैकेण्ड के लिए आए इन झटकों से प्रदेश के बाराबंकी, गोरखपुर, श्रावस्ती, कानपुर और अयोध्या में कई घरों की दीवारें गिरने से अब तक एक दर्जन लोगों की मौत होना बताया जा रहा है, जबकि कई लोगों के घायल होने की सूचना है।
इसके अलावा राजधानी लखनऊ में मस्जिद की दीवार गिरने के साथ ही अयोध्या में कामाख्या मन्दिर की छत गिर गई। कई घरों की दीवारों में दरारें आ गईं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मरने वालों के परिवार वालों को पांच-पांच लाख रूपए, जबकि घायलों को इलाज के लिए 20-20 हजार रूपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी भूकम्प और उससे हुए जान-माल की हानि की खबर दे दी गई है। इसके अलावा इस भूकम्प का केन्द्र माने जा रहे नेपाल के काठमांडु जा रहे विमान को भी राजधानी के अमौसी हवाई अड्डे पर लैण्ड कराया गया है, क्योंकि नेपाल में भूकम्प से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।
उप्र में भूकम्प का पहला झटका 7.4 तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर लगभग 11 बजकर 42 मिनट पर आया, जबकि दूसरा झटका कुछ मिनटों बाद 6.7 तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर लगभग 12 बजकर 25 मिनट पर आया। 20 से 25 सैकेण्डों तक आए इन झटकों से बाराबंकी, गोरखपुर, अयोध्या, श्रावस्ती, प्रतापगढ़, उन्नाव और कानपुर में कई घरों की दीवार गिरने से बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि बाराबंकी के बसंतपुर गांव में रहने वाले ऊदल यादव के मकान का छज्जा गिरने से दो बच्चे और एक महिला मलबे में दबकर घायल होने से उनकी मौत हो गई। गोरखपुर के बुलरिया इलाके में मकान ढह गया, जिसके मलबे में दबने से एक बच्चे की घायल होने से मौत हो गई, जबकि यहीं के गगहा इलाके में पेड़ गिरने से उसके नीचे दबकर एक व्यक्ति और गुलरिहा इलाके में दीवान गिरने से मलबे में दबे दो साल के बच्चे की मौत हो गई।
भूकम्प के इन झटकों से यहां के कूड़ाघाट में स्थित प्राइमरी विद्यालय की दीवार गिरने से मलबे में दबे दो बच्चे घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। अयोध्या, कानपुर, श्रावस्ती और संतकबीरनगर जिले में झटकों से दीवारें ढहने से मलबे में दबे एक बच्ची समेत चार लोगों की मौत हो गई। उन्नाव में महिला जबकि प्रतापगढ़ में एक व्यक्ति की मौत होना बताया जा रहा है।
आगरा में मेडिकल काॅलेज का छज्जा गिर गया, जिससे कई कारें और मोटरसाईकिलें बुरी तरह से क्षतिग्रसत हो गईं। सिद्धार्थनगर में केन्द्रिय विद्यालय की छत गिरने से तीन बच्चे मलबे में दबने से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसके अलावा बनारस, इलाहाबाद, सीतापुर, पीलीभीत, आजमगढ़, औरैया, लखीमपुर खीरी, फिरोजाबाद, मथुरा समेत कई लगभग सभी जिलों में भूकम्प के झटके आए, जिससे कई घरों, स्कूलों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की दीवारों में दरारें आने के साथ ही कई जगहों पर दीवार ढहने से कई लोग घायल हो गए।
इनमें से कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राजधानी लखनऊ के नगराम इलाके में मस्जिद की दीवार ढह गई, जबकि अयोध्या में कामाख्या मन्दिर की छत गिरने के साथ ही लखनऊ में स्थित अम्बेडकर पार्क की बाउण्ड्री में भी दरार आ गई।
कुछ मिनटों के बीच दो बार आए भूकम्प के इन झटकों के बाद लोग अपने घरों, कार्यालयों और बच्चे व अध्यापक स्कूलों से सड़कों पर आ गए।
भूकम्प के झटकों से पूरा उत्तर प्रदेश सहम गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तत्काल स्कूलों में छुट्टी के निर्देश के साथ ही मरने वालों के परिवार वालों को पांच-पांच लाख और घायलों को इलाज के लिए 20-20 हजार रूपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को तत्काल मुआयना कर भूकम्प से हुई क्षति का आंकलन और बचाव कार्य करने के निर्देश दिए हैं। भूकम्प का मुख्य केन्द्र रहे नेपाल में भारी क्षति हुई है, जिसके कारण वहां जाने वाले विमानों को लखनऊ के अमौसी और वाराणसी के हवाई अड्डे पर उतारा गया है। उत्तर प्रदेश के में आए भूकम्प के झटकों के बाद बताया जा रहा है कि लखनऊ में इतनी तीव्रता वाले झटके लगभग चालीस साल बाद आए हैं।